भारत बना टैलेंट का ग्लोबल पावरहाउस: Matt Barrie

Freelancer.com के सीईओ मैट बैरी का मानना है कि अमेरिका के टैरिफ युद्ध का एक सकारात्मक प्रभाव यह हो सकता है कि फ्रीलांसरों की वैश्विक मांग में बड़ा इजाफा देखने को मिलेगा।
उन्होंने हाल ही में आयोजित India Global Forum के दौरान इस विषय पर बातचीत की और बताया कि भारत Freelancer प्लेटफॉर्म का एक प्रमुख क्षेत्र है, जहां 30 मिलियन फ्रीलांसर मौजूद हैं।

Freelancer.com कैसे है अन्य प्लेटफॉर्म्स से अलग?

मैट बैरी ने बताया, “हम दुनिया का सबसे बड़ा क्राउडसोर्स्ड फ्रीलांसिंग मार्केटप्लेस हैं, जिसमें 80 मिलियन से ज्यादा यूज़र्स जुड़े हैं और यह हर दिन करीब 25,000 नए यूज़र्स से बढ़ रहा है।”

Freelancer प्लेटफॉर्म केवल पारंपरिक फ्रीलांसिंग प्रोजेक्ट्स तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें प्रोजेक्ट कॉन्टेस्ट्स, इनोवेशन चैलेंजेस और टेक सॉल्यूशन मिशन जैसे अनूठे फीचर्स भी शामिल हैं, जो इसे बाकी मार्केटप्लेस से अलग बनाते हैं।

भारत: टैलेंट का खजाना और फ्रीलांसिंग का भविष्य

भारत में फ्रीलांसरों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है और प्लेटफॉर्म पर सबसे बड़ा योगदान देने वाला क्षेत्र बन चुका है। डिजिटल स्किल्स, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, कंटेंट क्रिएशन, और ग्राफिक डिजाइन जैसी सेवाओं के लिए भारतीय फ्रीलांसरों की ग्लोबल डिमांड बनी हुई है।

बढ़ती ग्लोबल डिमांड, बदलते काम के पैटर्न

COVID-19 के बाद के युग और अब अमेरिकी टैरिफ नीतियों ने कंपनियों को लचीलापन अपनाने और फ्रीलांस टैलेंट को हायर करने की दिशा में प्रेरित किया है। इससे दुनियाभर में रिमोट काम और गिग इकॉनमी को नई ताकत मिली है।

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