पिछले दिनों भारत पर अमेरिका ने 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत रूस से तेल खरीदता है। इसी मामले पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया भी दी थी। आधिकारिक बयान में भारत ने कहा था कि “यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत ने रूस से तेल खरीदना शुरू किया, तो अमेरिका और यूरोपीय संघ ने इसे लेकर भारत पर सवाल उठाए। लेकिन सच्चाई ये है कि युद्ध के बाद जो पारंपरिक तेल आपूर्तियां भारत को मिलती थीं, वे यूरोप भेज दी गईं। उस समय खुद अमेरिका ने भारत को रूस से तेल खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया था ताकि दुनिया में ऊर्जा बाजार स्थिर बना रहे”। भारत के अमेरिकी आयात पर प्रतिक्रिया के बाद उन्होंने कहा मुझे इसके बारे में जानकारी नहीं है, मैं इसकी जांच करूंगा।
अमेरिका और यूरोप कर रहे रूस से व्यापार
यूरोपीय संघ (EU) ने साल 2024 में रूस के साथ 67.5 अरब यूरो का वस्तु व्यापार किया। इसके अलावा, 2023 में सेवाओं का व्यापार भी 17.2 अरब यूरो तक पहुंच गया। ये भारत और रूस के बीच व्यापार से कहीं ज्यादा है।
2024 में यूरोप ने रूस से रिकॉर्ड 16.5 मिलियन टन एलएनजी (LNG) का आयात किया, जो 2022 के पिछले रिकॉर्ड 15.21 मिलियन टन से भी अधिक है।
यूरोप और रूस के बीच व्यापार केवल ऊर्जा तक सीमित नहीं है। इसमें फर्टिलाइजर, खनिज उत्पाद, रसायनकेमिकल्स, लोहा-इस्पात और मशीनरी व ट्रांसपोर्ट उपकरण भी शामिल हैं।
अमेरिका की बात करें तो वह भी रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, पैलेडियम, खाद और रसायन आज भी लगातार आयात कर रहा है।