भारत ने 2024-25 वित्तीय वर्ष में स्मार्टफोन निर्यात के मामले में नया ऐतिहासिक रिकॉर्ड कायम किया है, जब उसने पहली बार 2 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस खबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर साझा करते हुए इसे सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बताया।

स्मार्टफोन निर्यात में 54% का उछाल इस वित्तीय वर्ष में स्मार्टफोन निर्यात में 54 प्रतिशत का जबरदस्त वृद्धि देखने को मिली, जो पिछले साल की तुलना में काफी अधिक है। वैष्णव ने इस वृद्धि को भारत के वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (GVCs) में गहरे जुड़ाव का प्रतीक बताया और कहा कि इससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अब भारतीय MSMEs (सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम) वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के अहम हिस्से बन गए हैं, और घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण प्रणाली तेजी से विस्तार कर रही है।

PLI योजना के तहत भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की प्रगति निर्यात में यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से सरकार की PLI योजना का परिणाम है। इस योजना ने स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई, जिससे भारत को आयातित स्मार्टफोन पर अपनी निर्भरता कम करने में मदद मिली। आज भारत में बिकने वाले लगभग 99 प्रतिशत स्मार्टफोन घरेलू स्तर पर निर्मित होते हैं।

निर्यात आंकड़े उद्योग के अनुमान से आगे भारत से स्मार्टफोन निर्यात का आंकड़ा पहले के अनुमान को भी पीछे छोड़ गया। भारतीय सेल्युलर और इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने अनुमान लगाया था कि FY25 में स्मार्टफोन निर्यात 20 अरब डॉलर (लगभग 1.68 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंचेगा, लेकिन वास्तविक आंकड़ा इस अनुमान से कहीं अधिक रहा, जो भारत की वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र में बढ़ती ताकत को साबित करता है।

एप्पल की अगुवाई एप्पल भारत के स्मार्टफोन निर्यात में सबसे बड़ा योगदानकर्ता बना हुआ है, जो कुल निर्यात का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा है। तमिलनाडु में फॉक्सकॉन की सुविधा भारत में iPhone निर्यात का प्रमुख केंद्र बन चुकी है, और यहां 40 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज की गई है।

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की अहम भूमिका टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स भी स्मार्टफोन क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। कर्नाटका में स्थित विस्ट्रॉन सुविधा में इसकी हिस्सेदारी और तमिलनाडु में पेगाट्रॉन के संयंत्र में 60 प्रतिशत की हिस्सेदारी इसे भारत में प्रमुख iPhone निर्माता के रूप में स्थापित कर रही है। आने वाले समय में, भारत से निर्मित iPhones जल्द ही अमेरिकी बाजार में भी जा सकते हैं।

यह कदम भारत को वैश्विक स्मार्टफोन निर्माण के क्षेत्र में और भी मजबूती से स्थापित करेगा, और देश के लिए न केवल आर्थिक वृद्धि बल्कि रोजगार के नए अवसर भी लाएगा।

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