नई दिल्ली: भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर तेजी से उभरता हुआ एक प्रमुख खिलाड़ी बनता जा रहा है। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन (SIA) के प्रेसिडेंट और सीईओ जॉन न्यूफर ने कहा कि भारत ने इस क्षेत्र में “काफी कुछ सही किया है” और वैश्विक सेमीकंडक्टर वर्कफोर्स का 20% हिस्सा भारत में स्थित है।
दिल्ली में आयोजित 9वें कार्नेगी ग्लोबल टेक समिट के दौरान उन्होंने कहा, “भारत ने हमारे क्षेत्र में काफी अच्छा कार्य किया है। हमारे 20 प्रतिशत कर्मचारी यहीं हैं। हमारे पास चिप डिज़ाइन की कोर क्षमता है और इसके लिए एक बेहतरीन इकोसिस्टम है। यह एक विशेष समय है—हमारे सामने ट्रस्ट इनिशिएटिव और द्विपक्षीय व्यापार समझौता है, जो भारत को डिज़ाइन से मैन्युफैक्चरिंग की ओर ले जा सकते हैं।”
उन्होंने बताया कि दो साल पहले तक कुछ भी ठोस नहीं था, लेकिन अब छह बड़े प्रोजेक्ट्स सेमीकंडक्टर निर्माण में कार्यरत हैं, जिनमें असेंबली, टेस्ट और पैकेजिंग यूनिट भी शामिल हैं।
वहीं, बायोकॉन लिमिटेड के सीईओ सिद्धार्थ मित्तल ने पैनल चर्चा में कहा कि अमेरिका भारत के फार्मा उद्योग के लिए सबसे बड़ा बाजार है, जो अत्यधिक मूल्य संवेदनशील है। उन्होंने कहा, “भारत के पास टैलेंट है और अमेरिका का रिसर्च इकोसिस्टम बहुत मजबूत है। हमें साथ मिलकर इनोवेशन के नए केंद्र बनाने होंगे। हालांकि, फार्मा सेक्टर में भारत अभी भी 70% कच्चे माल के लिए चीन पर निर्भर है, जिसे बदलना जरूरी है।”
उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका में उपयोग होने वाली 40-50% दवाएं भारत से आती हैं, जो दोनों देशों की पुरानी साझेदारी को दर्शाता है। मेटा के वाइस प्रेसिडेंट रॉब शर्मन ने AI मॉडल्स पर चर्चा करते हुए कहा, “अगर आप भारत जैसे देश के लिए एआई मॉडल बना रहे हैं, तो उसमें भारतीय डेटा सेट, भाषाएं और अवधारणाएं शामिल होनी चाहिए। इस दिशा में भारत सरकार ने बेहतरीन कार्य किया है।”
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुशील पाल ने बताया, “iCET भारत-अमेरिका के बीच सबसे प्रभावी द्विपक्षीय सहयोगों में से एक है। भारत का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट अमेरिकी उद्योगों के सहयोग से शुरू हुआ और पायलट उत्पादन पहले ही शुरू हो चुका है। वर्ष के अंत तक मुख्य सुविधा से भी उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।”
उन्होंने बताया कि डिज़ाइन, फैब्रिकेशन, R&D और टैलेंट बिल्डिंग सहित पूरे सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में अमेरिकी कंपनियों की मजबूत भागीदारी और रुचि देखी जा रही है।