भारत ने संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक सतत विकास लक्ष्य (SDG) रैंकिंग में एक ऐतिहासिक छलांग लगाई है। पहली बार भारत टॉप 100 देशों की सूची में शामिल हो गया है। यह उपलब्धि न केवल नीति-निर्माण की सफलता का प्रमाण है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत अब सतत विकास के वैश्विक मंच पर मजबूती से खड़ा है। जलवायु, गरीबी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निरंतर सुधार के चलते भारत की रैंकिंग में यह उछाल दर्ज किया गया है।
भारत ने क्यों मारी छलांग?
- गरीबी उन्मूलन में सुधार
- स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच में विस्तार
- स्वच्छ ऊर्जा और जल प्रबंधन में निवेश
- शिक्षा व महिला सशक्तिकरण की योजनाओं का असर
यह प्रगति केंद्र और राज्य सरकारों की संयुक्त कोशिशों, जनभागीदारी और डिजिटल गवर्नेंस के चलते मुमकिन हुई है।
SDG रैंकिंग क्या है?
संयुक्त राष्ट्र की यह रैंकिंग 17 प्रमुख सतत विकास लक्ष्यों के आधार पर तैयार की जाती है, जिनमें
गरीबी, भूख, स्वास्थ्य, शिक्षा, जलवायु, लैंगिक समानता आदि शामिल हैं। हर देश को इन लक्ष्यों पर प्रदर्शन के आधार पर स्कोर मिलता है।
क्या बोले नीति निर्माता?
सरकार और नीति आयोग ने इस उपलब्धि को “भारत की जन-नीति और जनभागीदारी का सशक्त उदाहरण” बताया है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह भारत की वैश्विक नेतृत्व भूमिका को और मजबूत करता है।
भारत का टॉप 100 में पहुंचना यह बताता है कि हम केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय विकास की दिशा में भी तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। यह उपलब्धि हर भारतीय के लिए गर्व की बात है।