नई दिल्ली – म्यांमार में पिछले महीने आए भयंकर भूकंप के बाद भारत ने अपनी मानवीय सहायता जारी रखते हुए मंगलवार को 20 पूर्वनिर्मित कार्यालय संरचनाओं को 50 टन वजनी क़रीब भेजा। इन संरचनाओं को भारतीय वायुसेना के C-17 विमान द्वारा Naypyidaw भेजा गया।
भारत ने 28 मार्च को म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद पहले उत्तरदाता के रूप में 750 मीट्रिक टन से अधिक राहत सामग्री भेजी थी, जिसमें चिकित्सा सहायता, भोजन, आश्रय और आवश्यक आपूर्ति शामिल थीं।
विदेश मंत्रालय (MEA) ने बुधवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत म्यांमार को लगातार राहत सामग्री और मानवीय सहायता भेजने के हिस्से के रूप में, 15 अप्रैल 2025 को भारतीय वायुसेना के C-17 विमान द्वारा 20 पूर्वनिर्मित कार्यालय संरचनाओं के घटक म्यांमार भेजे गए। ये संरचनाएं Naypyidaw में विभिन्न मंत्रालयों के लिए अस्थायी कार्यालय के रूप में उपयोग की जाएंगी। इसके अलावा, दो C-17 विमान चिकित्सकों और 60-पैरा फील्ड अस्पताल के कर्मचारियों को डि-इंडक्शन के बाद भारत वापस लाने के लिए तैनात किए गए थे। 200-बेड वाले इस फील्ड अस्पताल ने पिछले दो हफ्तों में 2519 मरीजों का सफल इलाज किया।”
विज्ञप्ति में आगे कहा गया, “ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत भारत म्यांमार में 28 मार्च को आए भूकंप का पहला उत्तरदाता था और उसने लगभग 750 मीट्रिक टन राहत सामग्री भेजी, जिसमें आवश्यक दवाएं, खाद्यान्न, तैयार भोजन, तंबू, कंबल, जनरेटर सेट, त्वरित तैनाती योग्य चिकित्सा और शल्य चिकित्सा आश्रय, जल स्वच्छता और स्वच्छता सेवाएं, पेयजल, आवश्यक वस्त्र, 20 पूर्वनिर्मित कार्यालय/आवासीय संरचनाएं आदि शामिल थीं।”
इसके अलावा, म्यांमार में राहत कार्यों में सहायता के लिए एक 80 सदस्यीय एनडीआरएफ भारी शहरी खोज और बचाव विशेषज्ञ टीम और 127 सदस्यीय भारतीय सेना के फील्ड अस्पताल की टीम भी तैनात की गई।
भारत का यह मानवतावादी सहायता भेजना म्यांमार के लोगों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और यह संकट के इस समय में म्यांमार को अपना समर्थन जारी रखने का संकेत है।
ऑपरेशन ब्रह्मा म्यांमार में आपदा के बाद भारत की समर्पित मानवतावादी पहल रही है। इस पहल के तहत भारत ने यांगून क्षेत्र में भारतीय प्रवासी समुदाय को भी सहायता प्रदान की है।