नई दिल्ली: वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि यूरोपीय संघ (EU) ने भारत के 102 अतिरिक्त समुद्री उत्पाद यूनिट्स को निर्यात के लिए मंजूरी दे दी है। इससे ये यूनिट्स EU को सप्लाई करने के योग्य हो गई हैं। यूरोप, भारत का दूसरा सबसे बड़ा समुद्री खाद्य निर्यात गंतव्य है।
मंत्रालय के अनुसार, अब कुल 604 भारतीय यूनिट्स EU में सूचीबद्ध हैं।
एक अधिकारी ने बताया, “इस कदम से भारत के समुद्री खाद्य निर्यात में बढ़ोतरी होगी और अनुमानित रूप से यह निर्यात लगभग 20 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।”
वर्ष 2023-24 में भारत का EU को समुद्री खाद्य निर्यात 1.1 बिलियन डॉलर रहा।
यह विकास भारत के झींगा (Shrimp) निर्यात को विविधीकृत करने के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है, जिसे अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% भारी टैरिफ से नुकसान हुआ है।
अधिकारी ने कहा कि EU द्वारा इन यूनिट्स की सूचीबद्धता भारत की पुरानी मांग थी। अमेरिका, EU, चीन, जापान, वियतनाम और थाईलैंड भारत के मुख्य समुद्री खाद्य निर्यात गंतव्य हैं।
अधिकारी ने आगे कहा, “यह सूचीबद्धता हमारे निर्यात को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और यह दर्शाता है कि हमारी यूनिट्स उच्च मानकों को बनाए रख रही हैं।”
भारत के झींगा निर्यात 2024-25 में 4.88 बिलियन डॉलर रहा, जो कुल समुद्री खाद्य निर्यात का 66 प्रतिशत है।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, “EU ने भारत के 102 नए मछली पालन प्रतिष्ठानों को EU सदस्य देशों में निर्यात के लिए सूचीबद्ध किया है। यह विस्तार भारत के खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आश्वासन प्रणाली पर बढ़ते विश्वास को दर्शाता है और भारतीय समुद्री उत्पादों, विशेषकर झींगा और Cephalopods (सिक्विड, कटिलफिश और ऑक्टोपस) के लिए बाजार पहुंच बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम है।”
इस विकास से विभिन्न तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के निर्यातकों को EU की मांग का लाभ उठाने, अपने उत्पादों को विविध बनाने और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के अवसर मिलेंगे।