भारत ने वर्ष 2024 में वैश्विक स्तर पर अपनी प्रमुखता को और मजबूत किया है। फार्मास्यूटिकल्स, जैव प्रौद्योगिकी, रक्षा, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष, बुनियादी ढाँचे, और उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे एआई और ब्लॉकचेन में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है, जिससे भारत एक सशक्त वैश्विक नेता के रूप में उभरा है।
फार्मास्यूटिकल्स और जैव प्रौद्योगिकी में ऐतिहासिक वृद्धि
2024 में भारत का फार्मास्यूटिकल निर्यात 15 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 28 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया, जो कि उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (PLI) और बल्क ड्रग पार्क जैसी पहलों से प्रेरित था। साथ ही, जैव प्रौद्योगिकी में भारत ने 10 बिलियन अमरीकी डॉलर से 130 बिलियन अमरीकी डॉलर तक का 13 गुना विस्तार किया। 2030 तक इसे 300 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
रक्षा क्षेत्र में भारत की ताकत
भारत ने 2024 में रक्षा क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। स्वदेशी उत्पादन को रिकॉर्ड 1.27 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने के साथ-साथ निर्यात में 30 गुना वृद्धि हुई। मिशन दिव्यास्त्र के तहत अग्नि-5 मिसाइल के सफल परीक्षण और MIRV तकनीक ने भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत किया।
परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियां
भारत की परमाणु ऊर्जा क्षमता 2014 में 4,780 मेगावाट से बढ़कर 2024 में 8,180 मेगावाट हो गई। 2031-32 तक इसे तीन गुना बढ़ाकर 22,480 मेगावाट करने की योजना है। वहीं, भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की, जिसमें वीनस ऑर्बिटर मिशन और चंद्रयान-4 के लिए अनुमोदन, गगनयान मिशन की सफलता, और सौर मिशन आदित्य-एल1 की महत्वपूर्ण खोजें शामिल हैं।
उभरती प्रौद्योगिकियों में भारत की नेतृत्व स्थिति
भारत ने 2024 में क्वांटम संचार, एआई और ब्लॉकचेन जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में भी सफलता हासिल की। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन ने क्वांटम संचार को बढ़ावा दिया, जबकि भारतजेन परियोजना ने भारतीय भाषाओं पर केंद्रित एआई नवाचार को प्रस्तुत किया। ब्लॉकचेन क्षेत्र में, राष्ट्रीय ब्लॉकचेन स्टैक “विश्वस्य” ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की सुरक्षा को और बढ़ाया।
भारत का भविष्य: एक वैश्विक आर्थिक शक्ति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने 2024 में 340 से अधिक परियोजनाओं को गति दी, जिनमें 205 बिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश शामिल है। इन परियोजनाओं ने देरी को कम किया और भारत को भविष्य के लिए तैयार किया। भारत का हाइपरलूप परीक्षण ट्रैक और इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग प्रणाली जैसे बुनियादी ढाँचे ने इसकी वैश्विक प्रतिष्ठा को और बढ़ाया।
भारत की प्रगति ने 2024 में इसे एक प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित किया है, जो सतत और समावेशी विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है।