Digital Payments. भारत की रियल-टाइम पेमेंट तकनीक, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI), अब वैश्विक स्तर पर Visa को पछाड़ते हुए एक नया मुकाम हासिल कर चुकी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की हालिया रिपोर्ट ‘Growing Retail Digital Payments: The Value of Interoperability’ के अनुसार, UPI ने भारत में डिजिटल पेमेंट्स का 85 प्रतिशत और वैश्विक स्तर पर 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी हासिल की है।
रिपोर्ट के अनुसार, जून 2025 में UPI ने 640 मिलियन से अधिक लेन-देन का प्रसंस्करण किया, जिसमें कुल 24 लाख करोड़ रुपये की राशि शामिल है। इस दौरान लेन-देन की प्रतिशत वृद्धि पिछले वर्ष की तुलना में 32 प्रतिशत रही।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि UPI अब दुनिया का सबसे बड़ा रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम बन चुका है। UPI 640 मिलियन से अधिक दैनिक लेन-देन संभाल रहा है, जबकि Visa की यह संख्या 639 मिलियन है। यह उपलब्धि विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि UPI ने इसे केवल 9 वर्षों में हासिल किया है।
UPI की वैश्विक स्वीकृति भी तेजी से बढ़ी है, और यह अब सात देशों में सक्रिय है, जिनमें UAE, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस शामिल हैं। फ्रांस में UPI का प्रवेश एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि यह यूरोप में UPI का पहला कदम है।
भारत UPI को BRICS समूह के अंदर एक मानक बनाने के लिए भी प्रयासरत है, जिसमें अब छह नए सदस्य राष्ट्र शामिल हो चुके हैं। यदि यह सफल होता है, तो इससे न केवल प्रेषण बढ़ेंगे, बल्कि भारत की वैश्विक तकनीकी नेतृत्व की छवि भी मजबूत होगी।
UPI का डिजिटलीकरण में क्रांति
IMF रिपोर्ट में बताया गया है कि UPI ने बैंकों और फिनटेक ऐप्स को एक सामान्य प्लेटफॉर्म पर जोड़कर एक नया और सरल तरीका पेश किया है। यह प्लेटफॉर्म नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा प्रबंधित किया जाता है और यूजर्स को मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से तत्काल मनी ट्रांसफर, मर्चेंट पेमेंट्स और पीयर-टू-पीयर ट्रांजैक्शन जैसी सुविधाओं का लाभ मिलता है।