पिछले एक दशक में भारत ने एक अभूतपूर्व परिवर्तन की यात्रा तय की है, जिसने इसे केवल एक विकासशील देश से वैश्विक शक्ति में बदल दिया है, जो रक्षा, अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में नई सीमाओं को पार कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भरता, नवाचार और तकनीकी उन्नति पर केंद्रित योजनाओं जैसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ ने भारत को दुनिया के सबसे उन्नत देशों में शामिल कर दिया है।

भारत का भविष्य सुरक्षित करना

भारत का रक्षा क्षेत्र अब दुनिया के सुपरपावर देशों के बराबर हो चुका है। हाल ही में, भारत ने एक लेजर-आधारित डायरेक्टेड एनर्जी वेपन सिस्टम का परीक्षण किया, जो ड्रोन और विमान को नष्ट करने की क्षमता रखता है। भारत अब उन चार देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास यह अत्याधुनिक तकनीकी क्षमता है। इसके अलावा, 2025 में भारत हाइपरसोनिक मिसाइलों के लिए एक्टिव कूल्ड स्क्रामजेट का परीक्षण करने वाला है, और यह तकनीक DRDO और भारतीय उद्योग द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई है।

भारत का ब्रह्मांडीय सपना

भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) नेतृत्व दे रहा है, ने दुनिया को अपनी रिकॉर्ड-ब्रेकिंग मिशनों और अग्रणी तकनीकों से चौंका दिया है। ISRO ने 2023 में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की, और इसके साथ भारत चौथा देश बन गया जो चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल रहा। भारत ने 2022 में क्रायोजेनिक इंजन बनाने में भी सफलता प्राप्त की, और इसके साथ ही भारत छहवें देश के रूप में इस तकनीक का उपयोग करने वाला बन गया।

सेमीकंडक्टर और क्वांटम टेक्नोलॉजी में भारत की धाक

भारत अब नई तकनीकी सीमाओं में भी कदम रख चुका है। “Semicon India” की घोषणा के साथ भारत ने सेमीकंडक्टर निर्माण की दौड़ में कदम रखा है। वैश्विक तकनीकी दिग्गजों के निवेश और साझेदारियों के साथ, भारत अब सेमीकंडक्टर निर्माण में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने की ओर अग्रसर है। इसके अलावा, भारत ने 2020 में क्वांटम टेक्नोलॉजी और अनुप्रयोगों के लिए राष्ट्रीय मिशन (NMQTA) की शुरुआत की, जो यह दर्शाता है कि भारत चीन और अमेरिका के साथ क्वांटम कंप्यूटिंग की दौड़ में शामिल हो चुका है।

समग्र दृष्टिकोण

प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व में भारत ने न केवल रक्षा और अंतरिक्ष जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में बल्कि तकनीकी विकास के नए क्षेत्रों में भी उत्कृष्टता प्राप्त की है। भारत आज आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक कदम और बढ़ चुका है, और इसके साथ ही यह वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण शक्ति बनकर उभरा है। इस बदलाव ने भारत को वैश्विक प्रमुख देशों की कतार में खड़ा कर दिया है, और यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और दृष्टिकोण का स्पष्ट प्रमाण है।

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