नई दिल्ली: नाउकरी द्वारा जारी ताज़ा Hiring Outlook 2025 के अनुसार, भारत के नौकरी बाजार में 2025 की दूसरी छमाही में मजबूत बढ़ोतरी की उम्मीद है। सर्वे में 1,300 से अधिक नियोक्ताओं से लिया गया डेटा दर्शाता है कि अधिकांश नियोक्ता कार्यबल विस्तार को लेकर आशावादी हैं, भले ही कर्मचारियों के छोड़ने की दर और बजट संबंधी चिंताएं मौजूद हों।

AI का प्रभाव: वैश्विक रुझानों से अलग सकारात्मक दृष्टिकोण
रिपोर्ट के अनुसार, 94% नियोक्ता H2 2025 में नई भर्तियां करने की योजना बना रहे हैं। इनमें से 72% ने नेट नए रोजगार सृजन की उम्मीद जताई, जबकि 22% केवल रिप्लेसमेंट हायरिंग की योजना में हैं। आईटी, बिजनेस डेवलपमेंट और ऑपरेशन्स सेक्टर भर्ती में सबसे आगे रहने की संभावना है। हालांकि, कर्मचारियों का छोड़ना (Attrition) एक चुनौती बनी हुई है, लगभग आधे नियोक्ता मानते हैं कि निकासी दर 10% से अधिक होगी, और 11% का अनुमान है कि 20% से अधिक कर्मचारी छोड़ सकते हैं।

AI से रोजगार पर असर
जहां दुनिया भर में AI के कारण नौकरी छूटने की चिंताएं बढ़ रही हैं, वहीं भारत में सर्वेक्षण में 87% नियोक्ताओं ने कहा कि उन्हें AI से बड़ी व्यवधान की उम्मीद नहीं है। इसके बजाय 13% ने माना कि AI नई अवसर पैदा करेगा, विशेषकर आईटी, एनालिटिक्स और बिजनेस डेवलपमेंट में। मशीन लर्निंग, डेटा साइंस और AI-आधारित एप्लीकेशन्स में विशेषज्ञ तकनीकी भूमिकाओं की मांग बढ़ने की संभावना है, और 37% नियोक्ता तकनीकी कार्यबल विस्तार की योजना बना रहे हैं।

अन्य तेजी वाले क्षेत्र और नौकरी की प्राथमिकताएं
बिजनेस डेवलपमेंट, ऑपरेशन्स और सप्लाई चेन, मार्केटिंग और एनालिटिक्स जैसे क्षेत्र भी नौकरी वृद्धि में योगदान देंगे।

  • बिजनेस डेवलपमेंट: 20%
  • ऑपरेशन्स और सप्लाई चेन: 14%
  • मार्केटिंग: 10%
  • एनालिटिक्स: 6%

मध्य स्तर के पेशेवर (4-7 वर्षों का अनुभव) सबसे अधिक मांग में हैं, 47% नियोक्ता इस बैंड पर ध्यान दे रहे हैं। शुरुआती स्तर के कर्मचारियों की भर्तियां 29% हैं, जबकि वरिष्ठ स्तर (8-12 साल का अनुभव) की भर्तियों की योजना केवल 17% नियोक्ताओं ने बनाई है।

भर्ती में चुनौतियां
नियोक्ताओं ने कुछ चुनौतियों को भी हाइलाइट किया जो भर्ती उत्साह को प्रभावित कर सकती हैं:

  • बजट की सीमाएं: 28%
  • प्रतिभा की कमी: 20%
  • कौशल असंगति: 21%
  • प्रतिभा के लिए प्रतिस्पर्धा: 10%

विशेषज्ञ की टिप्पणी
नाउकरी के चीफ बिजनेस ऑफिसर डॉ. पवन गोयल ने कहा कि यह उत्साहजनक है कि अधिकांश नियोक्ता केवल रिप्लेसमेंट हायरिंग नहीं बल्कि वास्तविक नौकरी सृजन पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि AI से रोजगार छूटने की सीमित चिंता वैश्विक चिंता के मुकाबले एक सकारात्मक संकेत है।

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