जब डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में भारत को “मृत अर्थव्यवस्था” बताया, तो यह टिप्पणी जमीन पर हो रहे घटनाक्रमों से काफी हद तक मेल नहीं खाती थी। कुछ ही दिनों बाद, रिलायंस ने मेटा और गूगल के साथ एक $100 मिलियन के एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर साझेदारी की घोषणा की—जिसमें भारत को 70 प्रतिशत का नियंत्रण प्राप्त है। इसी दौरान, NVIDIA ने एक रिसर्च जारी की, जिसमें दिखाया गया कि Small Language Models (SLMs) वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों में Massive Large Language Models (LLMs) को पछाड़ सकते हैं, खासकर जहां लागत, देरी, और दक्षता महत्वपूर्ण हैं।
यह दो घटनाएँ पहली नजर में अप्रासंगिक लग सकती हैं, लेकिन ये दोनों एक ही रणनीतिक बदलाव की ओर इशारा करती हैं: भारत डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग स्वतंत्रता की नींव रख रहा है, और यह अन्य देशों से एकदम अलग तरीके से किया जा रहा है।
चीन के मॉडल से आगे बढ़ना
वर्षों से, विश्लेषकों ने अनुमान लगाया था कि क्या भारत चीन के राज्य-नियंत्रित केंद्रीयकृत मेगा-कारखानों का मॉडल अपनाएगा। लेकिन यह सवाल गलत दिशा में है। भारत चीन की नकल नहीं कर रहा; वह कुछ पूरी तरह नया डिज़ाइन कर रहा है।
चीन का दृष्टिकोण: राज्य-स्वामित्व वाले कारखाने, बंद प्रणालियाँ, केंद्रीकृत नियंत्रण।
भारत का दृष्टिकोण: डिस्ट्रिब्यूटेड मैन्युफैक्चरिंग नेटवर्क्स, जो Edge Manufacturing Execution Systems (MES) और स्थानीय रूप से तैनात SLMs द्वारा संचालित हैं।
साधारण शब्दों में, जहां चीनी कारखाने केंद्रीकृत संरचनाओं में बंधे होते हैं, वहीं भारतीय कारखाने वास्तविक समय में सूचना से लैस हैं, जो स्थानीय स्तर पर संचालित होती है, स्वायत्त रहती है, और फिर भी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं से निर्बाध रूप से जुड़ी रहती है।
भारत सरकार की भूमिका
इसमें अंतर यह है कि भारतीय सरकार अपनी स्थिति को किस प्रकार स्थापित कर रही है। राज्य कारखानों पर सीधे नियंत्रण करने के बजाय, सरकार एक इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माता के रूप में कार्य कर रही है।
स्मार्ट फैक्ट्री नेटवर्क्स: राज्य डिजिटल “रेल” प्रदान करता है—Edge MES के मानक और SLMs के लिए फ्रेमवर्क—जबकि निजी उद्योग फैक्ट्रियाँ विकसित और चलाते हैं।
ONDC for Manufacturing: जैसे ONDC ने डिजिटल वाणिज्य को नया रूप दिया है, वैसे ही एक समान ओपन नेटवर्क मैन्युफैक्चरिंग में उभर रहा है, जो आपूर्तिकर्ताओं और निर्माताओं को मानकीकृत इंटरफेस और वास्तविक समय की जानकारी के साथ तुरंत जोड़ता है।
उद्योग डेटा स्वायत्तता: मैन्युफैक्चरिंग डेटा फैक्ट्री में ही रहता है, जिसे भारतीय-प्रशिक्षित SLMs द्वारा स्थानीय रूप से संसाधित किया जाता है और भारतीय औद्योगिक विनियमों द्वारा शासित किया जाता है।
यह दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि नवाचार लोकतांत्रिक, मापनीय और सुरक्षित बने रहें।
राज्य-स्तरीय विशेषज्ञता
यह मॉडल स्पष्ट रूप से संघीय प्रकृति का है। प्रत्येक भारतीय राज्य अपनी विशेष ताकतों के साथ एक विशेष मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित हो रहा है:
- कर्नाटका: एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग, एआई द्वारा संचालित सटीक असेंबली।
- तेलंगाना: फार्मास्युटिकल उत्पादन, ब्लॉकचेन-सुरक्षित ट्रेसबिलिटी।
- तमिलनाडु: ऑटोमोटिव सिस्टम, SLM-संचालित भविष्यवाणी रखरखाव द्वारा संवर्धित।
- गुजरात: रसायन प्रक्रियाएँ, वास्तविक समय में सुरक्षा और दक्षता के लिए निगरानी।
- महाराष्ट्र: इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग, बुद्धिमान, एज-संचालित आपूर्ति श्रृंखला समन्वय।
यह डिस्ट्रिब्यूटेड मॉडल एकल विफलता बिंदुओं से बचने में मदद करता है, जबकि स्थानीय रूप से विशेषज्ञ और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी उत्कृष्टता के पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करता है।