New Delhi : एस एंड पी ग्लोबल (S&P Global) ने भारत की संप्रभु क्रेडिट रेटिंग को अपग्रेड किया है, जिससे देश के आर्थिक विकास और निवेशकों के भरोसे में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। S&P ने भारत की दीर्घकालिक क्रेडिट रेटिंग को ‘BBB-’ से ‘BBB’ और अल्पकालिक रेटिंग को ‘A-3’ से ‘A-2’ कर दिया है। रेटिंग का स्थिर दृष्टिकोण भारत की मजबूत आर्थिक नींव, वित्तीय अनुशासन और प्रभावी मौद्रिक नीतियों पर भरोसा दर्शाता है।
रेटिंग सुधार से sovereign borrowing लागत घटेगी और निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा, जिससे विदेशी पूंजी प्रवाह में वृद्धि होगी। इससे सार्वजनिक और निजी निवेश के लिए स्थिर माहौल बनेगा और बुनियादी ढांचे, रोजगार सृजन और व्यापक आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।
एस एंड पी ने ट्रांसफर और कन्वर्टिबिलिटी असेसमेंट को भी ‘BBB+’ से ‘A-’ कर अपग्रेड किया है, जो भारत की वित्तीय स्थिरता और मजबूती को दर्शाता है। यह सुधार 18 साल बाद आया है, पिछली बार रेटिंग जनवरी 2007 में अपडेट हुई थी।
CEA ने जताई सकारात्मक उम्मीदें
सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) व अनंथा नागेश्वरन ने कहा कि उच्च आवृत्ति वाले आर्थिक संकेतक (HFIs) दिखाते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि उपभोग में पिछली गिरावट मुख्य रूप से कड़ी क्रेडिट और तरलता की स्थितियों के कारण हुई थी, जिसके जवाब में बजट में मध्यम वर्ग के लिए कर कटौती की गई।
आर्थिक विकास और निवेश में मजबूती
वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर वित्तीय वर्ष 2022 से 2024 के बीच औसतन 8.8 प्रतिशत रही, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे अधिक है। अगले तीन वर्षों में 6.8 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि का अनुमान है। सरकार की पूंजीगत व्यय योजनाओं और बुनियादी ढांचे में निवेश ने देश की आर्थिक स्थिरता और वृद्धि को मजबूती दी है।
S&P ने कहा कि भारत की मजबूत नीति ढांचा और वित्तीय अनुशासन देश को निवेशकों के लिए आकर्षक बना रहे हैं। मुद्रास्फीति नियंत्रण में रखने और निवेश में पारदर्शिता बनाए रखने से भारत वैश्विक निवेशकों के लिए भरोसेमंद और स्थिर गंतव्य बन गया है।
मुख्य बिंदु-
भारत की दीर्घकालिक क्रेडिट रेटिंग ‘BBB’ पर अपग्रेड।
अल्पकालिक रेटिंग ‘A-2’ में सुधार।
ट्रांसफर और कन्वर्टिबिलिटी असेसमेंट ‘A-’।
विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।
sovereign borrowing लागत घटेगी।
वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 2022-24: 8.8%, अगले तीन साल में 6.8% अनुमान।
बुनियादी ढांचे, रोजगार और आर्थिक विकास को समर्थन।