New Delhi : भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी. अनंता नागेश्वरन ने बुधवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अपने विकास के पथ पर मजबूती से आगे बढ़ रही है। उच्च आवृत्ति संकेतक (High-Frequency Indicators, HFIs) इस बात की पुष्टि करते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था वर्तमान समय में स्थिर और गतिशील बनी हुई है।

नागेश्वरन ने यह भी कहा कि व्यापार-संबंधी मुद्दे महत्वपूर्ण हैं, लेकिन उन्हें अन्य आर्थिक चुनौतियों की तुलना में अधिक महत्व नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष उपभोक्ता खर्च में कमी मुख्य रूप से कड़ी क्रेडिट और तरलता की स्थिति के कारण आई थी। इसका समाधान करते हुए सरकार ने Union Budget में मध्यवर्ग के लिए टैक्स में कटौती की और RBI ने नीतिगत दरों में 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर तरलता बढ़ाई।

CEA ने आगे कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे टैरिफ के प्रभाव का भारत की GDP पर अभी जल्दी आकलन करना कठिन है। उन्होंने जोर दिया कि भारत को अमेरिका और चीन जैसी अर्थव्यवस्थाओं से प्रतिस्पर्धा करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और सेमीकंडक्टर निर्माण में निवेश बढ़ाना होगा।

नागेश्वरन ने ऊर्जा संक्रमण, ऊर्जा सुरक्षा, AI के आर्थिक प्रभाव और क्षेत्रीय सहयोग को प्रमुख चुनौती बताते हुए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच सामंजस्यपूर्ण समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया।

उपभोक्ता खर्च पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में खर्च ऑनलाइन गेमिंग और विकल्प ट्रेडिंग की ओर बढ़ रहा है। केवल जुलाई महीने में ऑनलाइन गेमिंग पर मासिक खर्च लगभग ₹10,000 करोड़ रहा, जिसका वार्षिक अनुमानित रन रेट लगभग ₹1.2 लाख करोड़ है।

CEA ने यह भी बताया कि अधिकांश शहरी उपभोक्ता खर्च सूचीबद्ध कंपनियों से असूचीबद्ध कंपनियों की ओर बढ़ रहा है, लेकिन सेवा क्षेत्र में डेटा संग्रह पर्याप्त नहीं है।

  • मुख्य बिंदु-
  • HFIs से स्पष्ट हुआ कि भारत की अर्थव्यवस्था तेज़ विकास की राह पर है।
  • AI और सेमीकंडक्टर निर्माण में निवेश बढ़ाना आवश्यक।
  • शहरी उपभोक्ता खर्च ऑनलाइन गेमिंग और विकल्प ट्रेडिंग की ओर केंद्रित।
  • RBI की दरों में कटौती और मध्यवर्ग के लिए टैक्स राहत ने विकास को समर्थन दिया।

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