नई दिल्ली: भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर का मूल्य 2030 तक $800 बिलियन तक पहुँचने का अनुमान है और यह देश के GDP का 11% योगदान देगा, एक नए रिपोर्ट के अनुसार।

विकास के मुख्य कारक

  • सरकारी पहलें: National Logistics Policy (NLP), PM GatiShakti Master Plan।
  • तकनीकी एकीकरण: Unified Logistics Interface Platform (ULIP), Logistics Data Bank (LDB)।
  • कुशल कार्यबल और इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड।
  • एक प्रतिशत लॉजिस्टिक्स लागत में कमी से भारतीय अर्थव्यवस्था को $15 बिलियन वार्षिक बचत।

प्रमुख पहलें और प्रभाव

  • PM GatiShakti: 57 मंत्रालयों और सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को 1,700 डेटा लेयर्स के माध्यम से जोड़कर मल्टीमोडल ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी सुनिश्चित।
  • पोर्ट मॉडर्नाइजेशन: Maritime Development Fund (Rs 25,000 करोड़) के जरिए व्यापार और सप्लाई चेन क्षमता बढ़ाई।
  • Bharat Trade Net (BTN): ट्रेड डॉक्यूमेंटेशन, डिजिटल फाइनेंस और आयात-निर्यात लेनदेन केंद्रीकृत।
  • GST: अंतरराज्यीय चेकपॉइंट समाप्त, टैक्सेशन आसान और ट्रांजिट समय 33% घटा।

रोजगार और आर्थिक योगदान

  • वर्तमान में 22 मिलियन लोग ट्रांसपोर्ट, स्टोरेज, कोल्ड चेन और लास्ट-माइल डिलीवरी में कार्यरत।
  • 2027 तक अतिरिक्त 10 मिलियन रोजगार सृजन की संभावना।
  • लॉजिस्टिक्स पार्क, मल्टीमोडल कॉरिडोर और डिजिटल प्लेटफॉर्म SMEs और बड़े व्यवसायों को वैश्विक विस्तार में सक्षम बनाते हैं।
  • वर्तमान में लॉजिस्टिक्स का GDP में योगदान 13-14%, जबकि वैश्विक औसत 8-9%।

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