भारत का फूड प्रोसेसिंग सेक्टर तेजी से विकास की राह पर है। देश के विनिर्माण उत्पादन में 7.7% का योगदान देने वाला यह सेक्टर 7 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है और विशेषज्ञों के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 तक इसका आकार $535 बिलियन तक पहुँच सकता है। यह जानकारी Fi India और ProPak India इवेंट में दी गई, जिसे Informa Markets ने आयोजित किया।
विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ती खपत, उच्च निर्यात, ‘Make in India’ जैसी सरकारी पहल, और तकनीकी उन्नति जैसे AI-आधारित ऑटोमेशन और स्मार्ट पैकेजिंग इस उद्योग को बढ़ावा दे रहे हैं। ये रुझान भारत को वैश्विक खाद्य और पैकेजिंग हब बनने की दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं।
ऑर्गेनिक फूड का जोर
भारत के ऑर्गेनिक फूड मार्केट की वर्तमान कीमत $1.9 बिलियन है, और यह 2033 तक 20.13% की CAGR से बढ़कर $10.8 बिलियन तक पहुँचने की संभावना है। वहीं, फूड इंग्रीडिएंट्स सेक्टर हर साल 7–8% की दर से बढ़ रहा है। CSIR की चीफ साइंटिस्ट डॉ. मीनाक्षी सिंह ने कहा, “फूड इंग्रीडिएंट्स खाद्य उद्योग की रीढ़ हैं, वहीं पैकेजिंग भी सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाती है।”
इवेंट में भागीदारी और रुझान
तीन दिन चले इस इवेंट में भारत और विदेश से 350 से अधिक प्रदर्शक शामिल हुए और 50 देशों के 15,000 से अधिक पेशेवरों ने हिस्सा लिया। Informa Markets के मैनेजिंग डायरेक्टर योगेश मुद्रा ने कहा, “भारत का फूड प्रोसेसिंग सेक्टर स्वास्थ्य जागरूकता, ऑर्गेनिक और प्लांट-बेस्ड फूड की बढ़ती मांग, और डायटरी पैटर्न में बदलाव की वजह से बदलाव के दौर से गुजर रहा है। ऑर्गेनिक फूड मार्केट 2025 तक 75,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है, क्योंकि उपभोक्ता स्वस्थ विकल्पों के लिए प्रीमियम देने को तैयार हैं।”
नियामक समर्थन और भविष्य की संभावनाएँ
विशेषज्ञों ने कहा कि FSSAI का नियामक समर्थन उद्योग के लिए अहम है। 2025 में ऑर्गेनिक फूड स्टैंडर्ड, कड़े लेबलिंग नियम और उपभोक्ता जागरूकता उद्योग की दिशा तय करेंगे। Envirocare Labs के MD डॉ. निलेश अमृतकार ने कहा, “भारत में ऑर्गेनिक फूड इंडस्ट्री $2 बिलियन से बढ़कर 2033 तक $10 बिलियन तक पहुँच सकती है। हालांकि ऑर्गेनिक अभी भारत के $850 बिलियन फूड मार्केट में छोटा हिस्सा है, लेकिन उपभोक्ता स्वास्थ्य और स्थिरता के लिए 7–20% तक प्रीमियम देने को तैयार हैं।”
वैश्विक महत्व और किसान पर असर
CASMB के चेयरमैन डॉ. प्रभोध हलदे ने कहा, “फूड इंग्रीडिएंट्स इंडस्ट्री का वैश्विक संदर्भ में रणनीतिक महत्व है। फूड प्रोसेसिंग को मजबूत करना किसानों की आय बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है, जो भारत की लगभग 68% आबादी को प्रभावित करता है और निर्यात के जरिए मूल्य वर्धन करता है।” उन्होंने कहा कि हल्दी जैसे भारतीय मसाले स्वाद और स्वास्थ्य दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।