New Delhi : भारत ने 2025 की पहली छमाही में एशिया-प्रशांत (APAC) रियल एस्टेट निवेश बाजार में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। कोलियर्स की रिपोर्ट “इन्वेस्टमेंट इनसाइट्स H1 2025” के मुताबिक, भारत इस अवधि में भूमि और विकास पूंजी के प्रवाह में चौथे सबसे बड़े वैश्विक गंतव्य के रूप में उभरा है।

रिपोर्ट के अनुसार, H1 2025 में एपीएसी के 9 प्रमुख बाजारों में कुल रियल एस्टेट निवेश 71.9 अरब डॉलर तक पहुंचा, भले ही इसमें सालाना आधार पर 6% की गिरावट आई। भारत में विदेशी निवेश 1.6 अरब डॉलर रहा, जो कुल संस्थागत निवेश का लगभग 52% है। वहीं, घरेलू निवेश में 53% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई और इसने कुल निवेश का आधा हिस्सा बनाया।

प्रमुख डील्स-

ब्रुकफील्ड ग्रुप (MOON Holdings DIFC) ने मुंबई में ऑफिस डेवलपमेंट के लिए 70.1 मिलियन डॉलर में जमीन खरीदी।

इकोबॉक्स इंडस्ट्रियल पार्क्स, अल्टा कैपिटल समर्थित कंपनी, ने चेन्नई में इंडस्ट्रियल और वेयरहाउसिंग जमीन के लिए 48.3 मिलियन डॉलर निवेश किए।

गोल्डन ग्रोथ फंड ने दिल्ली-एनसीआर में 21.1 मिलियन डॉलर की रेजिडेंशियल जमीन खरीदी।

विकास परियोजनाओं में निवेश

वेलस्पन वन WOLP फंड 2 ने मल्टी-सिटी इंडस्ट्रियल और वेयरहाउसिंग प्रोजेक्ट्स में 229.4 मिलियन डॉलर लगाए।

HDFC कैपिटल एडवाइजर्स व एल्डेको ग्रुप ने 175 मिलियन डॉलर का निवेश रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स में किया।

कैपिटलैंड इंडिया ट्रस्ट (CLINT) और माया एस्टेट्स ने बेंगलुरु में 116 मिलियन डॉलर का ऑफिस प्रोजेक्ट शुरू किया।

मित्सुबिशी एस्टेट को. लि. और बिरला एस्टेट्स ने बेंगलुरु में 65 मिलियन डॉलर का जॉइंट वेंचर किया।

PAG ने मुंबई में अश्विन शेट ग्रुप के साथ 65 मिलियन डॉलर निवेश किए।

विशेषज्ञों का अनुमान

कोलियर्स इंडिया के नेशनल डायरेक्टर (रिसर्च) विमल नादर ने कहा, “भारत की रियल एस्टेट में मजबूती ऑफिस और रेजिडेंशियल सेगमेंट में मांग के चलते बनी रहेगी। दूसरी छमाही में डेटा सेंटर्स, सीनियर लिविंग और लाइफ साइंसेज जैसे वैकल्पिक क्षेत्रों में भी निवेश बढ़ने की संभावना है।”

वहीं, कोलियर्स की इंटरनेशनल कैपिटल लीड लूसी मलिक ने कहा, “मुद्रास्फीति घटने और मौद्रिक नीतियों में स्थिरता से H2 2025 में पूंजी प्रवाह और तेज होगा।”

वैश्विक परिदृश्य

ग्लोबल स्तर पर अमेरिका (24.3 अरब डॉलर) शीर्ष गंतव्य रहा। इसके बाद यूके (22.1 अरब डॉलर), ऑस्ट्रेलिया (13.8 अरब डॉलर) और पोलैंड (10.9 अरब डॉलर) ने मजबूत प्रदर्शन किया। जापान और स्पेन भी शीर्ष 10 में शामिल रहे।

इसी दौरान, वैश्विक स्तर पर CRE (कमर्शियल रियल एस्टेट) फंडरेजिंग H1 2025 में 111 अरब डॉलर तक पहुंच गई, जो 2024 के कुल का 85% है। डेटा सेंटर और वैल्यू-एड स्ट्रैटेजीज में फंडिंग खास तौर पर बढ़ी।

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