भारत और यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) के बीच ट्रेड और इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (TEPA) 1 अक्टूबर 2025 से आधिकारिक रूप से लागू हो गया है। इस समझौते के तहत ईएफटीए ने अगले 15 वर्षों में भारत में $100 बिलियन निवेश करने और करीब एक मिलियन नौकरियां पैदा करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। ईएफटीए में आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्ज़रलैंड शामिल हैं।

स्विट्ज़रलैंड की आर्थिक मामलों की स्टेट सेक्रेटरी हेलिन बुडलीगर ने कहा कि भारत में निवेश करने के लिए ईएफटीए पूरी तरह आश्वस्त है। उन्होंने कहा, “ईएफटीए के लिए भारत में अवसर स्पष्ट है। 1.4 अरब की जनसंख्या वाला भारत तेजी से बढ़ रहा है। भारतीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल ने हमें बताया कि अगले 30 साल में भारत की अर्थव्यवस्था $30 ट्रिलियन से अधिक होगी और औसत उम्र केवल 30 साल होगी। यह निवेश और व्यापार के लिए एक अत्यंत आकर्षक बाजार है।”

बुडलीगर ने बताया कि स्विट्ज़रलैंड को इस समझौते से विशेष रूप से उपभोक्ता वस्तुओं के क्षेत्र में फायदा होगा। “स्विस उत्पाद जैसे घड़ियां, चॉकलेट, और हेल्थ-फोकस्ड जूते अब भारतीय बाजार में तेजी से पहुंचेंगे। कुछ कंपनियां यहां निर्माण करने पर भी विचार कर रही हैं। साथ ही, स्विस कंपनियां MEM (मेकैनिकल, इलेक्ट्रिकल, और मैकेनिकल इंजीनियरिंग) क्षेत्र में भी भारत में निवेश करना चाहती हैं।”

इसके अलावा, यह समझौता भारत की उच्च-तकनीकी सेवाओं को स्विट्ज़रलैंड में बेचने में भी मदद करेगा। बुडलीगर ने कहा, “स्विस निजी क्षेत्र भारत में निवेश के लिए उत्साहित है और दोनों देशों का सेवा क्षेत्र आपस में मेल खाता है। इस समझौते से भारतीय कंपनियों को स्विट्ज़रलैंड में अपनी सेवाएं बढ़ाने का अवसर मिलेगा।”

वर्तमान में स्विट्ज़रलैंड, ईएफटीए में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। जबकि आइसलैंड, नॉर्वे और लिकटेंस्टीन के साथ व्यापार सीमित है। भारत ने ईएफटीए को 82.7% टैरिफ लाइनों की पेशकश की है, जो ईएफटीए के कुल निर्यात का 95% से अधिक है। इसमें अधिकांश आयात सोने के हैं, जिन पर कोई बदलाव नहीं होगा। संवेदनशील क्षेत्रों जैसे फार्मा, मेडिकल उपकरण, प्रोसेस्ड फूड, डेयरी, सोया और कोयला को टैरिफ कट से सुरक्षित रखा गया है।

इस समझौते के तहत भारतीय ग्राहक स्विस उत्पाद जैसे घड़ियां, चॉकलेट, बिस्कुट, वाइन, परिधान और क्लॉक्स कम कीमतों पर खरीद पाएंगे क्योंकि भारत इन उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी को 10 साल में धीरे-धीरे समाप्त करेगा। भविष्य में, स्विस मशीनरी, मेडिकल उपकरण, फिश ऑयल और स्मार्टफोन सहित कई अन्य उत्पादों पर भी टैरिफ कम होंगे।

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