वॉशिंगटन: अमेरिका और भारत के बीच रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना “मित्र” बताया है। अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट की प्रवक्ता मार्गरेट मैक्लियोड ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दोनों देश उच्च स्तर पर मिलकर काम कर रहे हैं और साझा हितों को आगे बढ़ा रहे हैं।

आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई

मैक्लियोड ने भारत और अमेरिका के बीच सहयोग का एक बड़ा उदाहरण ताहावुर राणा के प्रत्यर्पण को बताया। राणा 2008 के मुंबई हमलों (26/11) का एक प्रमुख आरोपी है। उन्होंने कहा, “26/11 एक भयावह हमला था। राणा को कानून का सामना करना ही होगा। यह सहयोग दोनों देशों के मजबूत रिश्ते का प्रतीक है और उम्मीद है कि भविष्य में भी ऐसा सहयोग जारी रहेगा।”

यह कदम दर्शाता है कि भारत और अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं और न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

ट्रंप की व्यापार को लेकर नई सोच

हालांकि रक्षा और तकनीक जैसे क्षेत्रों में अमेरिका-भारत साझेदारी मजबूत हुई है, लेकिन व्यापार को लेकर अब भी कुछ मतभेद बने हुए हैं। ट्रंप ने पहले भारत की टैरिफ नीतियों को लेकर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था, “भारत बहुत ही कठिन देश है व्यापार के मामले में। मोदी मेरे अच्छे दोस्त हैं, लेकिन उन्होंने हमें सही तरीके से ट्रीट नहीं किया।”

ट्रंप ने यह भी बताया कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर 52% तक शुल्क लगाता है, जबकि अमेरिका भारत के उत्पादों पर लगभग कोई शुल्क नहीं लगाता। हालांकि हाल ही में ट्रंप ने एक बड़ा कदम उठाते हुए सभी देशों के लिए 90 दिनों की टैरिफ रोक लगाने की घोषणा की, जिसमें भारत भी शामिल है (चीन को छोड़कर)। यह फैसला दोनों देशों को बातचीत का अवसर प्रदान करता है।

व्यापार समझौते की तैयारी

इस सप्ताह भारत और अमेरिका एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement) को लेकर औपचारिक वार्ता शुरू करने जा रहे हैं। दोनों पक्ष एक निष्पक्ष और संतुलित समझौते की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को लाभ हो। वार्ताओं में मुख्य मुद्दे टैरिफ, बौद्धिक संपदा अधिकार और बाजार पहुंच को लेकर रहेंगे।

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “हम ऐसा व्यापार समझौता चाहते हैं जो न्याय और समानता के आधार पर हो।” अगर यह समझौता सफल रहता है, तो भारत और अमेरिका के संबंध एक नई ऊंचाई पर पहुंच सकते हैं।

भारत और अमेरिका के रिश्ते बीते वर्षों में लगातार प्रगाढ़ हुए हैं। चाहे आतंकवाद से मुकाबला हो, तकनीकी विकास हो या व्यापारिक सहयोग — दोनों देश मिलकर भविष्य को और उज्जवल बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। ट्रंप और मोदी की दोस्ती ने इन संबंधों को और मजबूत किया है, और आने वाले समय में यह साझेदारी वैश्विक मंच पर और अधिक प्रभावी रूप ले सकती है।

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