नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच एक अहम व्यापार समझौता अंतिम चरण में पहुंच चुका है, जिसकी घोषणा जल्द की जा सकती है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच रिश्ते मजबूत हैं और भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिका का रणनीतिक साझेदार माना जाता है।
व्हाइट हाउस में मीडिया को संबोधित करते हुए लेविट ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि यह समझौता जल्द आएगा और यह बात आज भी सही है। वाणिज्य सचिव ने भी इस पर राष्ट्रपति से मुलाकात की है और जल्द ही इस पर आधिकारिक घोषणा होगी।”
ट्रंप बोले- भारत से बड़ा व्यापारिक समझौता जल्द
राष्ट्रपति ट्रंप ने 27 जून को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था कि अमेरिका भारत से “बहुत बड़ा व्यापारिक समझौता” करने की तैयारी में है, जिसमें भारतीय बाजार तक अमेरिकी पहुंच और टैरिफ खत्म करने की बात प्रमुख है। हालांकि उन्होंने माना कि इसमें कुछ अड़चनें हैं।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अमेरिका में मौजूदगी बढ़ी
वाणिज्य मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारतीय टीम 26 जून से अमेरिका में बातचीत कर रही है। पहले यह यात्रा दो दिन की थी, लेकिन अब इसे 30 जून तक बढ़ा दिया गया है। दोनों देश 9 जुलाई से पहले एक अंतरिम व्यापार समझौते (Interim Trade Deal) को अंतिम रूप देने की कोशिश में हैं, क्योंकि इसी दिन ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए 26% रेसिप्रोकल टैरिफ की 90 दिनों की छूट समाप्त हो रही है।
भारत कृषि और डेयरी क्षेत्र में रियायत देने को लेकर सतर्क है क्योंकि यह अब तक किसी भी FTA (Free Trade Agreement) में शामिल नहीं किया गया है।
दोनों देश इस साल सितंबर-अक्टूबर तक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) का पहला चरण पूरा करने के प्रयास में हैं। इसका लक्ष्य 2030 तक भारत-अमेरिका व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है, जो अभी 191 अरब डॉलर है।
GIFT सिटी बन रहा है हाई-नेटवर्थ फैमिली ऑफिस का नया वैश्विक केंद्र
इस बीच, एक संयुक्त रिपोर्ट जो Julius Baer और Ernst & Young (EY) द्वारा जारी की गई है, उसमें कहा गया है कि गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (GIFT City) भारत में उभरते फैमिली ऑफिस और हाई-नेटवर्थ निवेशकों के लिए नया पसंदीदा वित्तीय केंद्र बन रहा है। रिपोर्ट के अनुसार “भारत में बढ़ते नियामकीय ढांचे के बीच GIFT सिटी पारदर्शिता और निवेश अनुकूलता प्रदान करता है। सरकार द्वारा इसे वैश्विक वित्तीय केंद्र बनाने के प्रयास लगातार तेज़ हो रहे हैं।