4 अप्रैल 2025 की सुबह भारतीय फिल्म जगत के लिए बेहद शोकपूर्ण रही। हिंदी सिनेमा के मशहूर अभिनेता, निर्देशक और ‘भारत कुमार’ के नाम से लोकप्रिय मनोज कुमार का निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन से बॉलीवुड सहित पूरे देश में शोक की लहर फैल गई है। आइए जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी 10 प्रेरणादायक कहानियां, जिन्होंने उन्हें ‘भारत कुमार’ बनाया।
1. देशभक्ति फिल्मों के प्रतीक बने मनोज कुमार
मनोज कुमार को खासतौर पर उनकी देशभक्ति फिल्मों के लिए जाना जाता है। ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘क्रांति’ जैसी फिल्मों ने उन्हें ‘भारत कुमार’ की उपाधि दिलाई।
2. गांधीजी की जीवनी से प्रेरणा लेकर बने अभिनेता
उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि महात्मा गांधी की आत्मकथा ने उनके जीवन की दिशा बदल दी और उन्होंने अभिनय को अपने जीवन का मकसद बनाया।
3. ‘उपकार’ से मिले अपार सम्मान और पहचान
1967 में बनी फिल्म ‘उपकार’ मनोज कुमार के करियर की सबसे बड़ी हिट थी। इस फिल्म के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाज़ा गया।
4. श्रीदेवी को बॉलीवुड में लाने वाले पहले डायरेक्टर
बहुत कम लोग जानते हैं कि दक्षिण की सुपरस्टार श्रीदेवी को हिंदी सिनेमा में सबसे पहले ‘जूली’ फिल्म में मनोज कुमार ने मौका दिया था।
5. एक्टिंग के साथ-साथ बेहतरीन निर्देशक
मनोज कुमार ने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्मों का निर्देशन भी किया। ‘क्रांति’ जैसी भव्य फिल्म उनके निर्देशन कौशल का बेहतरीन उदाहरण है।
6. इमरजेंसी के दौरान भी खुलकर बोले
1975 की इमरजेंसी के दौरान जब अधिकतर लोग चुप थे, तब भी मनोज कुमार ने देश और लोकतंत्र के पक्ष में आवाज उठाई, जो उनकी निर्भीकता को दर्शाता है।
7. पर्दे पर निभाई गांधी, नेहरू और भगत सिंह की छवि
उनकी फिल्मों में भारत के महान नेताओं की विचारधारा साफ झलकती थी। उन्होंने संविधान, स्वतंत्रता और संस्कृति को फिल्मों में बखूबी उतारा।
8. ‘शहीद’ से बनाई देशभक्ति फिल्मों की पहचान
1965 में आई फिल्म ‘शहीद’ भगत सिंह पर आधारित थी और इस फिल्म ने देशभक्ति के सिनेमा को नई दिशा दी। यह फिल्म आज भी लोगों को प्रेरित करती है।
9. ‘भारत कुमार’ नाम से लोकप्रियता पाई
उनकी देशभक्ति और राष्ट्रप्रेम से लबरेज फिल्मों को देखते हुए फिल्म इंडस्ट्री और फैंस ने उन्हें ‘भारत कुमार’ की उपाधि दी, जो एक सम्मान की तरह उनके नाम से जुड़ गया।
10. पद्मश्री से लेकर दादा साहेब फाल्के तक सम्मानित
मनोज कुमार को 1992 में पद्मश्री और 2015 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह उनके योगदान का राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान था।