Delhi: भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है और दुनिया अब भारत को लेकर बेहद आशावादी नजरिए से देख रही है, यह बयान दिया है देश के शीर्ष अर्थशास्त्री और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के कार्यकारी निदेशक कृष्णमूर्ति वी सुब्रमण्यम ने।
वृद्धि दर लगातार 7 प्रतिशत
सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत के सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचे और समावेशी वृद्धि पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में सराहना हो रही है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी तरह से बढ़ रही है। कोविड के बाद, वृद्धि दर लगातार 7 प्रतिशत रही है। हालांकि, इस तिमाही में कुछ गिरावट देखी गई है, जो आंशिक रूप से पूंजीगत व्यय में मंदी और निर्यात पर प्रभाव के कारण है।”
जीडीपी में फिर से तेजी आएगी
उन्होंने यह भी कहा कि यह गिरावट अस्थायी होगी और जीडीपी में फिर से तेजी देखने को मिलेगी। सुब्रमण्यन ने हाल ही में अपनी किताब “India@100” प्रकाशित की, जिसमें उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को लेकर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, “आईएमएफ बोर्ड में बैठने के बाद, मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि दुनिया भारत को लेकर आशावादी है। भारत ने जिस तरह का सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार किया है, वह मेरे बोर्ड के लगभग हर साथी द्वारा सराहा जाता है।”
भारत में समावेशी विकास की सराहना
सुब्रमण्यम ने आगे कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने जिस प्रकार समावेशी वृद्धि की है, उसकी भी सराहना की जानी चाहिए। कोविड के दौरान भारत ने आर्थिक नीतियों को लेकर एक अलग रास्ता अपनाया था, जो बाकी दुनिया से अलग था। उन्होंने कहा, “बाकी दुनिया ने कोविड को केवल मांग-पक्ष के झटके के रूप में पहचाना, जबकि भारत ने इसे मांग-पक्ष और आपूर्ति-पक्ष दोनों के झटके के रूप में पहचाना। इसका फायदा यह हुआ कि जब यूरोप में युद्ध शुरू हुआ और आपूर्ति पक्ष की समस्याएं पैदा हुईं, तो इसका भारत पर उतना प्रभाव नहीं पड़ा।”