Agra News: खेरिया मोड़ (जगनेर रोड) स्थित मिठाई की दुकान पर हुए विवाद ने अब राजनीतिक और प्रशासनिक तूल पकड़ लिया है। भाजपा विधायक भगवान सिंह कुशवाहा के चाचा जगदीश कुशवाहा के साथ हुई मारपीट के मामले में शाहगंज थाना पुलिस ने नगर निगम के सेनेटरी इंस्पेक्टर प्रदीप गौतम समेत 22 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। यह विवाद दुकान में प्लास्टिक के गिलास मिलने पर जुर्माना लगाने और कथित रूप से अतिरिक्त धनराशि वसूलने को लेकर हुआ।

प्लास्टिक के गिलास को लेकर चालान, फिर हुआ विवाद

घटना बुधवार की बताई जा रही है जब नगर निगम का सेनेटरी विभाग खेरिया मोड़ पर सफाई और सिंगल यूज़ प्लास्टिक के खिलाफ अभियान चला रहा था। इसी दौरान सेनेटरी इंस्पेक्टर प्रदीप गौतम भाजपा विधायक के चाचा जगदीश कुशवाहा की मिठाई की दुकान “नत्थी मिष्ठान भंडार” पर पहुंचे। आरोप है कि दुकान में प्लास्टिक के गिलास पाए जाने पर इंस्पेक्टर ने ₹1000 का चालान काटा, लेकिन मौके पर ₹3000 नकद ले लिए।

इस पर दुकानदार जगदीश कुशवाहा ने आपत्ति जताई और बात बढ़ गई। थोड़ी देर में नगर निगम के अन्य कर्मचारी भी मौके पर पहुंच गए और कथित रूप से विवाद बढ़ता चला गया। आरोप है कि विवाद इतना बढ़ा कि निगम कर्मचारियों ने दुकानदार से हाथापाई कर दी और मौके पर अफरा-तफरी मच गई।

पुलिस में शिकायत, मुकदमा दर्ज

घटना के बाद भाजपा विधायक भगवान सिंह कुशवाहा ने मामले को गंभीरता से लिया और परिजनों ने शाहगंज थाने में जाकर तहरीर दी। पुलिस ने सेनेटरी इंस्पेक्टर प्रदीप गौतम, प्रताप नामक एक अन्य नामजद आरोपी और 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की संगीन धाराओं में केस दर्ज किया है।

थानाध्यक्ष शाहगंज ने बताया कि मामला जांच के अधीन है और पीड़ित की तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया गया है। CCTV फुटेज और मौके पर मौजूद गवाहों के बयान लिए जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

निगम कर्मचारियों में आक्रोश, कार्रवाई पर सवाल

इस मामले में जब पुलिस ने निगमकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया तो नगर निगम के कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया। कर्मचारियों ने इसे एकतरफा कार्रवाई बताया और विरोध जताया। कुछ कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने केवल नियमों का पालन किया था, जबकि उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि मामला एक राजनीतिक परिवार से जुड़ा है।

सूत्रों के अनुसार, निगमकर्मियों में यह चर्चा है कि अगर जल्द ही मामला सुलझा नहीं गया तो वे सामूहिक रूप से उच्चाधिकारियों से मिलकर विरोध दर्ज कराएंगे। वहीं नगर निगम प्रशासन की ओर से इस विषय में फिलहाल कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है

राजनीतिक पृष्ठभूमि के कारण मामला संवेदनशील

चूंकि यह मामला भाजपा विधायक के परिवार से जुड़ा है, इसलिए प्रशासन भी पूरी सतर्कता से काम कर रहा है। राजनीतिक गलियारों में भी इस मुद्दे की चर्चा हो रही है। विधायक समर्थकों की मांग है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार की भी जांच हो।

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