लखनऊ। हथियार कारोबारी संजय भंडारी को दिल्ली की विशेष अदालत ने शनिवार को भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया। यह फैसला प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ) की ओर से दाखिल याचिका पर सुनाया गया। अदालत के इस निर्णय के बाद ईडी को अब भंडारी की 21 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को जब्त करने का कानूनी अधिकार मिल गया है।
2016 में रेड के बाद भागा था लंदन
संजय भंडारी की उम्र 63 वर्ष है और वह वर्ष 2016 में इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी के तुरंत बाद लंदन भाग गया था। उस पर काले धन, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी संपत्तियों को छुपाने के गंभीर आरोप हैं। इसके बाद ईडी ने फरवरी 2017 में उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। 2020 में पहली चार्जशीट और 2023 में पूरक आरोपपत्र दाखिल किया गया।
रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े तार
ईडी की जांच में संजय भंडारी का नाम कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा से भी जुड़ा है। एजेंसी का दावा है कि भंडारी ने लंदन के ब्रायनस्टन स्क्वायर में जो आलीशान प्रॉपर्टी खरीदी, उसका जीर्णोद्धार वाड्रा के निर्देश पर हुआ और इसके लिए फंडिंग भी वाड्रा ने ही की। हालांकि, रॉबर्ट वाड्रा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन्हें राजनीतिक साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि उनका लंदन में किसी भी प्रकार की कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपत्ति से लेना-देना नहीं है।
ब्रिटेन से प्रत्यर्पण की उम्मीद धूमिल
हाल ही में ब्रिटेन की एक अदालत ने भंडारी के भारत प्रत्यर्पण को खारिज कर दिया, जिससे उसकी वापसी की संभावना फिलहाल टल गई है। लेकिन ईडी ने कानून के दायरे में कार्रवाई जारी रखते हुए अब उसे भारत में भगोड़ा घोषित करवा लिया है।
अदालत में दलीलें और ईडी की जीत
भंडारी के वकीलों ने अदालत में तर्क दिया कि वह ब्रिटेन में कानूनी रूप से रह रहा है और वहां की अदालत ने प्रत्यर्पण को खारिज कर दिया है, ऐसे में उसे भगोड़ा घोषित करना उचित नहीं। लेकिन अदालत ने यह दलील नहीं मानी और ईडी के साक्ष्यों को पर्याप्त मानते हुए भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया।
देश का 16वां भगोड़ा आर्थिक अपराधी
संजय भंडारी अब उन 16 हाई-प्रोफाइल आर्थिक अपराधियों में शामिल हो गया है जिन्हें भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत घोषित किया गया है। इसमें विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे नाम पहले से ही शामिल हैं। यह अधिनियम 100 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक धोखाधड़ी कर विदेश भागने वालों पर नकेल कसने के लिए वर्ष 2018 में लाया गया था।
ईडी अब भंडारी की अचल संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई शुरू करेगी। सूत्रों के अनुसार, जिन संपत्तियों की कुर्की की जाएगी, उनमें दिल्ली और एनसीआर की कई रियल एस्टेट परिसंपत्तियां शामिल हैं।