गर्मियों में या लंबे समय तक टाइट ब्रा पहनने से कई महिलाओं को ब्रेस्ट के पास या ब्रा स्ट्रैप के नीचे की स्किन काली पड़ने की समस्या होती है। ऐसे में कई बार मन में यह डर बैठ जाता है कि कहीं यह ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण तो नहीं। सोशल मीडिया और इंटरनेट पर भी इस विषय में सवाल तेजी से सर्च किए जाते हैं। लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो स्किन डार्क होना जरूरी नहीं कि कैंसर का संकेत हो।

क्या है कारण?

मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, टाइट ब्रा या बार-बार रगड़ लगने से स्किन पर फ्रिक्शनल मेलानोसिस नाम की स्थिति हो जाती है। इसमें स्किन पर हाइपरपिगमेंटेशन होता है, यानी मेलेनिन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे स्किन डार्क हो जाती है। साथ ही पसीने और नमी की वजह से फंगल इंफेक्शन का खतरा भी रहता है, जो त्वचा को और काला कर सकता है।

कैंसर का लक्षण कब माने?

Journal of Clinical and Aesthetic Dermatology और American Cancer Society की रिपोर्ट्स के अनुसार, सिर्फ स्किन का काला होना ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण नहीं है। कैंसर के संभावित लक्षणों में ब्रेस्ट में गांठ, निप्पल से डिस्चार्ज, ब्रेस्ट के आकार में बदलाव, स्किन पर सूजन या डिंपल और लगातार दर्द या लालिमा शामिल हैं। इन लक्षणों के साथ अगर स्किन डार्क हो रही है, तब डॉक्टर से परामर्श जरूरी है।

बचाव के उपाय

  • सही साइज की ब्रा पहनें
  • कॉटन ब्रा का इस्तेमाल करें
  • रोज ब्रा बदलें और त्वचा को सूखा रखें
  • एलोवेरा जेल, मॉइश्चराइज़र और सनस्क्रीन लगाएं
  • खुजली या बदबू होने पर एंटी-फंगल क्रीम का इस्तेमाल करें

अगर डार्क स्किन के साथ दर्द या गांठ जैसी कोई परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं। स्किन डार्कनेस अधिकतर हाइजीन की कमी और फ्रिक्शन से होती है, कैंसर से नहीं।

डिस्क्लेमर- भारत समाचार इस खबर की पुष्टि नही करता है। कृपया संदेह होने पर नजदीकी डाक्टर से सलाह लें।

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