वाणिज्यिक बैंकों की ऋण वृद्धि दर में गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) में कमी ने उद्योगों के लिए ऋण की उपलब्धता को आसान बना दिया है। 27 जून 2025 को समाप्त पखवाड़े में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ घटकर 9.5 प्रतिशत रह गई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह दर 17.4 प्रतिशत थी। मई 2024 से ऋण वृद्धि में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जिसके पीछे कई प्रमुख कारण हैं।

पहला कारण है भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 2023 के अंत में उपभोक्ता ऋण और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को दिए जाने वाले बैंकों के ऋण पर जोखिम भार बढ़ाना। इसके चलते इन दोनों क्षेत्रों में ऋण वृद्धि में तेज गिरावट आई। असुरक्षित खुदरा ऋण, जो खुदरा ऋणों का लगभग 25 प्रतिशत है, की वृद्धि दर मार्च 2023 में 28.3 प्रतिशत से घटकर मार्च 2025 में 7.9 प्रतिशत और मई 2025 में 7.8 प्रतिशत रह गई। इसी तरह, NBFCs को दिया जाने वाला ऋण मार्च में 5.7 प्रतिशत और मई में घटकर -0.3 प्रतिशत हो गया। इसके बावजूद, असुरक्षित ऋणों में NPA दर मार्च 2024 में 1.5 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2025 में 1.8 प्रतिशत हो गई।

दूसरा कारण यह है कि निजी बैंकों द्वारा खुदरा ऋणों में फ्लोटिंग रेट आधारित ऋण की हिस्सेदारी अपेक्षाकृत कम है, जिससे ब्याज दरों में कमी का लाभ ग्राहकों तक पूर्ण रूप से नहीं पहुंच पा रहा है। निजी बैंकों के खुदरा पोर्टफोलियो में केवल 54.7 प्रतिशत ऋण ही बाहरी बेंचमार्क (EBLR) से जुड़े हैं, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में यह आंकड़ा 59.8 प्रतिशत है।

तीसरा प्रमुख रुझान यह है कि हाल के वर्षों में निजी बैंकों से सार्वजनिक बैंकों की ओर संतुलन का झुकाव देखा गया है। वित्त वर्ष 2024-25 में सार्वजनिक बैंकों की ऋण वृद्धि दर 12.2 प्रतिशत रही, जबकि 2023-24 में यह 13.6 प्रतिशत थी। दूसरी ओर, निजी बैंकों की ऋण वृद्धि घटकर 9.5 प्रतिशत रह गई, जो 2020-21 के बाद सबसे कम है। इसके साथ ही, FY18 में जहां सार्वजनिक बैंकों की हिस्सेदारी इन्क्रीमेंटल क्रेडिट में केवल 20 प्रतिशत थी, वहीं FY25 में यह बढ़कर 56.9 प्रतिशत हो गई है।

यह बदलाव सरकार की ‘4R रणनीति’ — पहचान (Recognition), समाधान (Resolution), पुनर्पूंजीकरण (Recapitalisation) और सुधार (Reforms) — का सकारात्मक परिणाम माना जा रहा है, जिससे सार्वजनिक बैंकों की स्थिति मजबूत हुई है और उन्होंने बाजार में अपनी हिस्सेदारी फिर से बढ़ाई है।

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