उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से पुलिस विभाग की छवि को धूमिल करने वाली एक शर्मनाक घटना सामने आई है। सचेंडी थाने के प्रभारी दिनेश बिष्ट पर एक बुजुर्ग सहायक ने गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित सहायक का कहना है कि उससे थानाध्यक्ष द्वारा अंडरगार्मेंट धुलवाए जाते थे, जूते पॉलिश करवाए जाते थे और अन्य निजी काम करवाए जाते थे। जब उसने काम करने से इनकार किया तो उसे भद्दी गालियां दी गईं और गंभीर अंजाम भुगतने की धमकी दी गई।

इस पूरे मामले से जुड़ा एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें कथित तौर पर थानाध्यक्ष की आवाज में गाली-गलौज और धमकी साफ-साफ सुनी जा सकती है। वायरल ऑडियो ने आम जनता में रोष पैदा कर दिया है। इसके साथ ही कानपुर पुलिस की छवि पर भी ये वायरल ऑडियो दाग लगाता नज़र आ रहा है ।

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ऑडियो वायरल होने के बाद पीड़ित सहायक ने बताया कि वह लंबे समय से थाने में बतौर निजी सहायक की भूमिका में काम कर रहा था, लेकिन थानाध्यक्ष द्वारा लगातार कराए जा रहे अपमानजनक कार्यों से तंग आकर उसने काम छोड़ने का फैसला किया। इसके बाद उसे धमकियां मिलनी शुरू हो गईं।

पीड़ित सहायक ने पुलिस कमिश्नर से मिलकर शिकायत दर्ज कराई है और न्याय की गुहार लगाई है। उसने मांग की है कि आरोपी थानाध्यक्ष के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उसे मानसिक उत्पीड़न से राहत दी जाए। ऐसे में प्रशासन की चुप्पी भी इस मामले में सवालों के घेरे में है।

वायरल ऑडियो और गंभीर आरोपों के बावजूद अब तक थानाध्यक्ष के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। जनता और सामाजिक संगठनों ने इस मामले में संज्ञान लेने की मांग की है ताकि पुलिस विभाग में इस तरह की तानाशाही प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जा सके।

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