समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीएसपी प्रमुख मायावती के बारे में की गई टिप्पणी के लिए बीजेपी विधायक राजेश चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जिसपर आभार बसपा मुखिया अखिलेश यादव का आभार जताया। जिसके बाद बसपा सुप्रीमों मायावती ने एक के बाद एक, चार ट्वीट करके बीजेपी पर दबाव बढ़ा दिया है। मायावती ने पहले ट्वीट में अखिलेश यादव का आभार जताया की उन्होंने बीजेपी विधायक के बयान की निंदा की और मुझे ईमानदार बताया।
बीजेपी विधायक राजेश चौधरी जो पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता हैं उन्होंने भारत समाचार पर ब्रजेश मिश्रा की डिबेट में ये बयान दिया था की मायावती को मुख्यमंत्री बनाना बीजेपी की गलती थी और वो यूपी के इतिहास की सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री रही हैं। इस बयान के बाद कल रात अखिलेश यादव ने ट्वीट करके सख्त ऐतराज जताया था और बीजेपी विधायक पर कार्रवाई की मांग और मायावती को ईमानदार कहा था।अब मायावती ने बीजेपी पर पलटवार किया है और एक्शन की मांग की है।
मायावती के सम्मान में अब अखिलेश यादव मैदान में
बसपा सुप्रीमों मायवती ने अखिलेश यादव का आभार जाता रही है। मायावती के सम्मान में अब अखिलेश यादव मैदान में आ गए हैं। भाजपा विधायक के बयान को सपा ने दलितों के मान सम्मान से जोड़ दिया। मामला कही दलित वोटबैंक का तो नहीं या फिर सपा और बसपा के बीच अंदर ही अंदर खिचड़ी पाक रही है। क्योंकि इससे पहले मायावती और अखिलेश द्वारा कई मुद्दों पर एक साथ आकर बीजेपी के खिलाफ रहे। चाहे बात करें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर या 21 अगस्त भारत बंद को लेकर। इन दोनों मुद्दों पर मायावती और अखिलेश यादव बीते कुछ दिनों में एक सुर में नजर आए हैं। ऐसे में यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों पार्टियों के बीच अंदर ही अंदर खिचड़ी पाक रही है। फिलहाल अभी यह कहना जल्दबाजी होगा की आगामी चुनाव में यह दोनों पार्टियां साथ आ सकती।
भाजपाइयों के मन में महिलाओं व वंचित-शोषित समाज के लिए कटुता : अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया के जरिए प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ‘उप्र के एक भाजपा विधायक द्वारा उप्र की एक भूतपूर्व महिला मुख्यमंत्री जी के प्रति कहे गये अभद्र शब्द दर्शाते हैं कि भाजपाइयों के मन में महिलाओं और खासतौर से वंचित-शोषित समाज से आनेवालों के प्रति कितनी कटुता भरी है। इसके साथ ही सपा प्रमुख ने आगे कहा, ‘राजनीति मतभेद अपनी जगह होते हैं लेकिन एक महिला के रूप में उनका मान-सम्मान खंडित करने का किसी को भी अधिकार नहीं है। भाजपाई कह रहे हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर हमने गलती की थी, ये भी लोकतांत्रिक देश में जनमत का अपमान है और बिना किसी आधार के ये आरोप लगाना कि वो सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री थीं, बेहद आपत्तिजनक है। /उन्होंने आगे कहा, ‘भाजपा के विधायक के ऊपर, सार्वजनिक रुप से दिये गये इस वक्तव्य के लिए मानहानि का मुक़दमा होना चाहिए। भाजपा ऐसे विधायकों को प्रश्रय देकर महिलाओं के मान-सम्मान को गहरी ठेस पहुँचा रही है। अगर ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ भाजपा तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करती है तो मान लेना चाहिए, ये किसी एक विधायक का व्यक्तिगत विचार नहीं है बल्कि पूरी भाजपा का है. घोर निंदनीय।