BEd Bridge Course. उत्तर प्रदेश शासन ने बीएड पास परिषदीय शिक्षकों के लिए एक अहम निर्णय लिया है। सरकार अब इन शिक्षकों के लिए छह महीने का ब्रिज कोर्स आयोजित करेगी। यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के माध्यम से पूरी तरह ऑनलाइन कराया जाएगा। शासन ने इस संबंध में विस्तृत समय-सारिणी भी जारी कर दी है।
कब और कैसे होगा आवेदन
इच्छुक शिक्षक 1 से 15 नवंबर 2025 तक आवेदन कर सकते हैं। कोर्स का पहला चरण दिसंबर 2025 से शुरू होकर 30 मई 2026 तक चलेगा। शासन ने कहा है कि यह प्रशिक्षण पूरी पारदर्शिता के साथ आयोजित किया जाएगा ताकि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित हो सके।
क्यों लिया गया यह फैसला
यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत लिया गया है। कोर्ट ने कक्षा 1 से 5 तक पढ़ाने के लिए बीएड अर्हता को अमान्य घोषित किया था। इस आदेश से प्रभावित करीब 30,000 बीएड शिक्षक, जो 69,000 शिक्षक भर्ती में शामिल थे, अब इस कोर्स को पूरा करेंगे।
क्या मिलेगा शिक्षकों को लाभ
कोर्स पूरा करने के बाद शिक्षकों को विशिष्ट बीटीसी (D.El.Ed.) के समकक्ष अर्हता प्रदान की जाएगी। इससे वे सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाने के लिए विधिवत रूप से पात्र माने जाएंगे।
प्रशिक्षण का उद्देश्य
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षकों की पेशेवर योग्यता और शिक्षण कौशल को बढ़ाना है। कोर्स के दौरान शिक्षकों को
- आधुनिक शिक्षण विधियों,
- कक्षा प्रबंधन,
- बच्चों की मानसिक और शैक्षणिक जरूरतों की समझ,
जैसे विषयों पर प्रशिक्षित किया जाएगा।
एनआईओएस की भूमिका
एनआईओएस प्रशिक्षण प्रक्रिया में तकनीकी और शैक्षणिक सहयोग प्रदान करेगा। साथ ही ऑनलाइन माध्यम से कोर्स की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष मॉनिटरिंग सिस्टम भी लागू किया जाएगा।
शासन का लक्ष्य
सरकार का उद्देश्य है कि इस कोर्स के माध्यम से बीएड पास शिक्षक कक्षा 1 से 5 के स्तर की शिक्षा प्रणाली के अनुरूप प्रशिक्षित हों, ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और व्यावहारिक शिक्षा मिल सके। कुल मिलाकर, यह ब्रिज कोर्स न केवल शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करेगा बल्कि प्राथमिक शिक्षा के स्तर को भी बेहतर बनाएगा।