लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बिहार में भाजपा नेता और उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या पर राज्य सरकार को घेरा है। उन्होंने निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण के बीच हुई इस घटना को लेकर गहरी चिंता जताई है और इसे चुनाव से पहले राजनीतिक हिंसा से जोड़ते हुए निष्पक्ष चुनाव की मांग की है।

‘दलितों-शोषितों के खिलाफ लगातार अत्याचार’

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी बयान में मायावती ने लिखा कि बिहार में दलितों, अति-पिछड़ों, शोषितों, ग़रीबों और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, हत्या व जातिगत शोषण के मामले पहले से ही चर्चा में रहते हैं। अब चुनाव से पहले हुई गोपाल खेमका की सनसनीखेज़ हत्या ने कानून-व्यवस्था और राजनीतिक हालात को और बिगाड़ दिया है।

चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग

मायावती ने चुनाव आयोग से अपील की है कि वो इस हिंसा और खून-खराबे पर संज्ञान ले और बिहार विधानसभा चुनाव को बाहुबल, धनबल और अपराध से मुक्त करने के लिए समय रहते सख्त कदम उठाए। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग अभी से कड़ी कार्रवाई करता है तो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित हो सकते हैं।

बीजेपी-जेडीयू गठबंधन पर सीधा हमला

बसपा सुप्रीमो ने इस हत्याकांड को लेकर सीधे राज्य की भाजपा-जेडीयू गठबंधन सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने सवाल किया कि मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान हो रही ये हिंसक घटनाएं किसके हित में और किसके इशारे पर हो रही हैं, यह गंभीर जांच का विषय है।

‘बसपा अकेले लड़ेगी बिहार विधानसभा चुनाव’

मायावती ने साफ किया कि बसपा, विशेषकर दलितों, पिछड़ों, वंचितों और गरीबों की पार्टी है, जो तन-मन-धन के बल पर बिहार विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी चुनाव आयोग से अपील करती है कि सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग को रोका जाए और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुरक्षित रखा जाए।

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