Sugar Free Tea: भारत में चाय सिर्फ एक पेय नहीं, एक भाव है। सुबह की शुरुआत हो या ऑफिस की थकावट, चाय हमारे जीवन का जरूरी हिस्सा है। लेकिन जैसे-जैसे हेल्थ को लेकर जागरूकता बढ़ रही है, वैसे-वैसे लोग अपने पसंदीदा कप चाय से चीनी हटाने लगे हैं। पर सवाल ये उठता है — मीठी चाय के बिना दिन कैसे कटेगा?

जवाब है — चीनी नहीं तो क्या हुआ, स्वाद और सेहत से भरपूर नेचुरल ऑप्शन हैं ना! चलिए, आपको बताते हैं कि कैसे आप घर पर ही बिना चीनी वाली मीठी चाय बना सकते हैं।

1. शहद वाली चाय – मिठास भी, इम्युनिटी भी!

शहद का नाम सुनते ही एक प्राकृतिक मिठास का एहसास होता है। इसे चाय में डालें, लेकिन ध्यान रहे – उबलती चाय में नहीं, वरना इसके पोषक तत्व खत्म हो सकते हैं। हल्के गर्म पानी या दूध में मिलाएं और फिर आनंद लें उस प्याले का जो स्वाद भी दे और सेहत भी।

2. स्टेविया की चाय – डायबिटिक लोगों के लिए वरदान

अगर आप डायबिटीज के मरीज़ हैं या शुगर कम करना चाहते हैं, तो स्टेविया एक शानदार विकल्प है। ये एक नेचुरल प्लांट-बेस्ड स्वीटनर है और चीनी से कई गुना ज्यादा मीठा होता है — वो भी बिना कैलोरी के।

3. गुड़ वाली चाय – देसी स्वाद, देसी ताकत

गुड़ में न सिर्फ मिठास होती है, बल्कि आयरन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं। खासकर ठंड के मौसम में गुड़ वाली चाय शरीर को गर्म रखती है और टेस्ट में भी टॉप होती है।

4. नारियल चीनी वाली चाय – न्यू ट्रेंड, हेल्दी चॉइस

आपने शायद नाम सुना हो – Coconut Sugar. इसे नारियल के फूलों से बनाया जाता है और इसका स्वाद हल्का गुड़ जैसा होता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है, इसलिए डायबिटिक लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है।

5. मुलेठी वाली चाय – मीठा स्वाद, सर्दी-जुकाम का इलाज

मुलेठी का हल्का मीठा स्वाद न सिर्फ गले को आराम देता है, बल्कि इसे चाय में डालकर आप एंटी-इंफ्लेमेटरी फायदे भी पा सकते हैं। यह आयुर्वेद का वह खज़ाना है, जो स्वाद और सेहत दोनों का ख्याल रखता है।

6. दालचीनी-सौंफ वाली चाय – मेटाबोलिज्म बूस्ट करने वाला कॉम्बो

ये दोनों मसाले हल्की मिठास और जबरदस्त खुशबू के लिए जाने जाते हैं। इनसे बनी चाय पीने से पेट हल्का महसूस होता है और पाचन तंत्र भी मजबूत बनता है। जो लोग वजन घटाना चाहते हैं, उनके लिए यह एक अच्छा ऑप्शन है।

7. मिश्री वाली चाय – दादी-नानी वाला देसी नुस्खा

मिश्री यानी रॉक शुगर, एक समय में हर घर की रसोई का हिस्सा हुआ करती थी। मिश्री गले की खराश, खांसी और थकान में राहत देती है। इसकी चाय पीकर दिनभर की थकान छूमंतर हो जाती है।

शुगर-फ्री चाय बनाते समय ध्यान रखें

  • किसी भी स्वीटनर की अधिक मात्रा नुकसान पहुंचा सकती है।
  • डायबिटीज या किसी हेल्थ कंडीशन में पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
  • नेचुरल चीज़ों को उबालने के बजाय गर्म चाय में मिलाना बेहतर होता है।

अगर आप हेल्दी लाइफ जीना चाहते हैं, तो मीठे के स्मार्ट विकल्प अपनाना जरूरी है। मीठी चाय के लिए चीनी ज़रूरी नहीं — सेहतमंद ऑप्शंस मौजूद हैं, बस आपको अपनी रसोई में उन्हें आज़माना है। तो अगली बार जब आप चाय बनाएं, तो शक्कर छोड़ें और सेहत को पकड़ें!

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।

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