Prayagraj News. मॉनसून के आख़िरी दौर में भी प्रयागराज का संगम तट उफान पर है. नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है. पानी की गहराई नापने का जोखिम कोई नहीं ले रहा. सब लोग पानी उतरने का इंतज़ार कर रहे हैं. ठीक इसी तरह प्रयागराज में एक ख़ामोश सियासी उफान ने पहली सांस ली है. संगम तट से क़रीब पांच किलोमीटर दूर प्रयागराज के कल्याणी देवी इलाके में बाहुबली उदयभान करवरिया के घर जुटे जनसैलाब ने खलबली मचा दी है.

आम लोगों की इस भीड़ के ख़ास सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. क्योंकि, मामला राजनीतिक ना होकर भी सियासी सरहदों से घिरा हुआ है. प्रयागराज के कल्याणी देवी मोहल्ले में बाहुबली उदयभान करवरिया की पत्नी और मेजा विधानसभा सीट से पूर्व विधायक नीलम करवरिया की पहली बरसी थी. 16 सितंबर की सुबह से ही कल्याणी देवी की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर गाड़ियों की संख्या बढ़ने लगी थी. दोपहर दो बजे करवरिया परिवार ने पूजा संपन्न की और फिर उदयभान करवरिया बाहर निकले.

कल्याणी देवी में ही घर के पास चौधरी पार्क में बरसी का भोज आयोजित किया गया था. लोगों की भीड़ पहले से ही उदयभान करवरिया का इंतज़ार कर रही थी. जैसे ही वो बाहर आए, तो लोगों ने उन्हें घेर लिया. वो सबसे मिलते हुए कार्यक्रम स्थल तक पहुंचे. यहां कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भीड़ पहले से ही उनका इंतज़ार कर रही थी. वो लगातार लोगों से मिल रहे थे. बीच-बीच में नारेबाज़ी भी चल रही थी. लोग पूर्व विधायक करवरिया और उदयभान करवरिया के समर्थन में नारे लगा रहे थे. बताया जाता है कि ये कार्यक्रम दोपहर 2 बजे शुरू हुआ और रात क़रीब पौने बारह बजे तक लगातार समर्थक आते रहे. खाना-पीना चलता रहा. अनुमान है कि नीलम करवरिया के पहली बरसी कार्यक्रम में 17 से 18 हज़ार लोग जुटे.

आमतौर पर बरसी जैसे कार्यक्रम में इतनी भीड़ नहीं नज़र आती. लेकिन, अगर हज़ारों लोग एक जगह जुटे हैं, तो इसके तमाम राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं. क्योंकि, मामला एक बाहुबली परिवार और पूर्व विधायक से जुड़ा हुआ है. उदयभान करवरिया के करीबी लोगों का दावा है कि इस कार्यक्रम में BJP के बड़े नेताओं के बजाय ज़मीनी कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया था. हालांकि, यूपी बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष रमापति त्रिपाठी, प्रयागराज की पूर्व सांसद रीता बहुगुणा जोशी, प्रयागराज की महापौर अभिलाषा नंदी, पूर्व मंत्री और विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह समेत कई बीजेपी नेता भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. लेकिन, असली ज़ोर समर्थकों और आम कार्यकर्ताओं पर था. यानी जनमानस के बीच अपनी मज़बूत पकड़ का साइलेंट संदेश. बताया जाता है कि उदयभान करवरिया के आमंत्रण पर प्रयागराज में गंगा पार और यमुना पार, ग़ाज़ीपुर, जौनपुर, सुल्तानपुर, गोरखपुर, बांदा, फतेहपुर, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, लखनऊ समेत यूपी के कई ज़िलों से लोग पहुंचे थे.

उदयभान करवरिया की तरह उनके बेटे सक्षम करवरिया भी कार्यक्रम में आने वाले युवाओं से मिल रहे थे. सक्षम करवरिया की राजनीतिक मुलाक़ातों की कुछ तस्वीरें हाल ही में वायरल हुई थीं. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संगठन मंत्री धर्मपाल और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी समेत कई नेताओं से वो अपने पिता के साथ मिले थे. वैसे तो ये बरसी कार्यक्रम का आयोजन था, लेकिन इसमें जुटी भीड़ एक अलग ही तस्वीर बता रही थी. उदयभान करवरिया 2005 और 2007 में प्रयागराज की बारां विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. वो BJP के मूल कार्यकर्ता हैं और राजनीति की शुरुआत भाजपा से ही की थी. उसके बाद उनकी पत्नी नीलम करवरिया ने मेजा विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर जीत दर्ज की थी. 26 सितंबर 2014 को पूर्व विधायक नीलम करवरिया का बीमारी की वजह से निधन हो गया था. 16 सितंबर 2025 को उन्हीं की बरसी थी. सड़कों पर उनकी तमाम सामाजिक और राजनीतिक तस्वीरों के पोस्टर लगे हुए थे. सुबह से शाम तक हज़ारों लोगों की भीड़ जुटी रही. बाहुबली उदयभान करवरिया के घर जुटी इस भीड़ ने प्रयागराज से लेकर लखनऊ तक हलचल मचा दी है. लोग कार्यक्रम के बजाय इसमें जुटे समर्थकों को लेकर बात कर रही है. 19 जुलाई 2024 को बाहुबली उदयभान करवरिया की समय पूर्व रिहाई के आदेश के साथ ही इस तरह के शक्ति प्रदर्शन का अनुमान लगाया जा रहा था.

प्रयागराज के राजनीतिक हलकों में इस कार्यक्रम के बाद से तमाम तरह की चर्चाएं तेज़ हो चुकी हैं. जिस अघोषित समीकरण के मद्देनज़र उदयभान करवरिया की रिहाई हुई है, क्या 2027 में उन्हीं समीकरणों को साधने की कोशिशें शुरू हो चुकी हैंं? बताया जाता है कि इस भीड़ में ब्राह्मणों की संख्या सबसे ज़्यादा रही. हालांकि, बाक़ी बिरादरी के लोग भी कार्यक्रम में शामिल हुए, लेकिन एक ब्राह्मण बाहुबली नेता के घर ब्राह्मणों की भारी भीड़ जुटने के बाद BJP के ही कुछ नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचने लगी हैं. उदयभान करवरिया के परिवार में सामाजिक एकजुटता का ये पहला कार्यक्रम था. अब ऐसे कई आयोजन हो सकते हैं, जिनमें उदयभान करवरिया अपने बाहुबल को नए रंग में सामने ला सकते हैं. इस कार्यक्रम के बाद एक सवाल प्रयागराज से लेकर लखनऊ तक तेज़ी से सफ़र कर रहा है कि क्या संगम नगरी में पानी और सियासत दोनों की धारा कोई नई कहानी लिखने वाली है?

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