बाराबंकी कांड के बाद योगी सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। अब प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों की मान्यता और प्रवेश प्रक्रियाओं की सघन जांच अनिवार्य कर दी गई है।
इसके लिए हर जिले में विशेष जांच टीमों का गठन किया जाएगा। मण्डलायुक्तों को आदेश दिया गया है कि वे प्रत्येक जिले के लिए अलग-अलग टीम बनाएँ, जिसमें एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, एक पुलिस अधिकारी और शिक्षा विभाग का अधिकारी शामिल होंगे।
जांच की कार्यप्रणाली में सभी संस्थानों से शपथ पत्र लिया जाएगा, जिसमें यह प्रमाणित करना होगा कि वे केवल मान्यता प्राप्त कोर्स ही चला रहे हैं। सभी कोर्स और उनके मान्यता-पत्रों की पूरी जांच होगी। अवैध कोर्स या फर्जी प्रवेश पाए जाने पर संस्थान के खिलाफ तुरंत कड़ी कार्रवाई होगी।
छात्रों से लिए गए शुल्क की पूरी वापसी और दंडात्मक कार्रवाई संस्थानों की जिम्मेदारी होगी। हर जिले को अपनी जांच रिपोर्ट 15 दिन में शासन को भेजनी होगी, जबकि मण्डलायुक्त इस पूरी प्रक्रिया की सीधे निगरानी करेंगे।