नई दिल्ली। भारत में बागवानी फसलों का उत्पादन 2024-25 के फसल वर्ष में 3.66% बढ़कर 367.72 मिलियन टन (MT) तक पहुँचने का अनुमान है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी किए गए दूसरे अग्रिम अनुमान में यह जानकारी दी गई।

पिछले फसल वर्ष 2023-24 में उत्पादन घटकर 354.74 मिलियन टन रह गया था, जो कि 355.54 मिलियन टन था। इस गिरावट का मुख्य कारण प्याज उत्पादन में 20% की कमी था।

2024-25 में बागवानी और खाद्य अनाज उत्पादन की तुलना

इस वर्ष बागवानी फसलों का उत्पादन अब भी खाद्यान्न फसलों से अधिक है, हालांकि पिछले दो वर्षों में खाद्यान्न फसलों का उत्पादन ज्यादा बढ़ा है।

2024-25 के फसल वर्ष में चावल, गेहूँ, दालें और मोटे अनाज का उत्पादन 353.2 मिलियन टन अनुमानित किया गया है, जो कि पिछले वर्ष के मुकाबले 6% की वृद्धि है।

बागवानी फसल क्षेत्र में वृद्धि

बागवानी फसलों के अंतर्गत क्षेत्रफल 2024-25 में 29.2 मिलियन हेक्टेयर (Mha) तक पहुँच गया है, जबकि पिछले वर्ष यह 29.08 मिलियन हेक्टेयर था।

इस वर्ष फलों का उत्पादन, जिसमें आम और केला शामिल हैं, 1.36% बढ़कर 114.5 मिलियन टन अनुमानित किया गया है। वहीं, सब्जियों का उत्पादन, जिसमें प्याज, आलू और टमाटर शामिल हैं, 6% बढ़कर 219.6 मिलियन टन होने की संभावना है।

आलू और प्याज उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि

आलू और प्याज का उत्पादन 2024-25 में क्रमशः 26% और 5.46% बढ़कर 60.17 मिलियन टन और 57.05 मिलियन टन होने का अनुमान है।

बागवानी क्षेत्र का कृषि अर्थव्यवस्था में योगदान

कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बागवानी क्षेत्र कृषि के सकल मूल्य वर्धित (GVA) में लगभग 33% का योगदान करता है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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