Prajwal Revanna convicted. कर्नाटक की विशेष पोक्सो अदालत ने शनिवार, 2 अगस्त 2025 को पूर्व सांसद और जनता दल (सेक्युलर) के निष्कासित नेता प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने यह सजा भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(k) और 376(2)(n) के तहत सुनाई, जो अधिकार या प्रभुत्व की स्थिति में किए गए बलात्कार और बार-बार बलात्कार करने से संबंधित हैं।
इसके अतिरिक्त, अदालत ने प्रज्वल रेवन्ना पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया है, जिसमें से 7 लाख की राशि पीड़िता को मुआवजे के रूप में दी जाएगी। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस राशि का भुगतान दोषी की संपत्तियों को जब्त कर या वेतन आदि स्रोतों से किया जाएगा।
कोर्ट ने क्या कहा? – सत्ता का दुरुपयोग
अपने फैसले में विशेष अदालत ने कहा कि यह मामला एक महिला की गरिमा को सत्ता और प्रभाव के बल पर कुचलने का गंभीर उदाहरण है। अदालत ने टिप्पणी की कि दोषी का सामाजिक, राजनीतिक और पारिवारिक रसूख इस अपराध को और गंभीर बनाता है, क्योंकि उसने एक जरूरतमंद महिला की मजबूरी का लाभ उठाकर बार-बार उसका शोषण किया।
अदालत ने यह भी कहा कि इस तरह के मामलों में नरमी का कोई स्थान नहीं है, क्योंकि यह समाज में महिलाओं की सुरक्षा और न्याय प्रणाली में भरोसे को कमजोर करता है।
कौन है पीड़िता? क्या हैं आरोप?
यह मामला 48 वर्षीय एक महिला से जुड़ा है, जो प्रज्वल रेवन्ना के हासन जिले के गन्निकाडा स्थित फार्महाउस में घरेलू सहायिका के रूप में काम करती थी। महिला ने आरोप लगाया था कि 2021 में उसके साथ दो बार बलात्कार किया गया और आरोपी ने इस कृत्य का वीडियो भी रिकॉर्ड किया।
पीड़िता ने आगे बताया कि उसे लगातार धमकाया गया और डराया गया ताकि वह किसी से शिकायत न करे। बाद में जब प्रज्वल के खिलाफ अन्य महिलाओं की शिकायतें सामने आईं, तब इस महिला ने भी साहस दिखाते हुए पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज कराया।
चार मामले, पहला फैसला
प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन उत्पीड़न और बलात्कार के चार मामले दर्ज हैं। यह पहला मामला है जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया और अब आजीवन कारावास की सजा दी गई है। अन्य मामलों में जांच और सुनवाई प्रक्रिया अभी चल रही है।
क्या बोले प्रज्वल रेवन्ना?
दोषी ठहराए जाने के बाद प्रज्वल ने अदालत में कहा था, मैं कम उम्र में राजनीति में आया और मेरी एक गलती मुझ पर भारी पड़ गई। मैं पिछले 6 महीनों से अपने परिवार से नहीं मिला हूं। अदालत से अपील करता हूं कि मुझे कम से कम सजा दी जाए।
हालांकि, अदालत ने उनकी दलीलों को दरकिनार करते हुए कहा कि राजनीतिक पद और रसूख का इस्तेमाल करके किसी महिला का शोषण करना समाज में अस्वीकार्य है।