Uttar Pradesh: बरेली CO श्वेता यादव पर न्यायालय ने एक गैंगस्टर को सजा करते हुए अपने निर्णय में तल्ख़ टिप्पणीयां की.उनके ऊपर आरोप हैं कि 1 साल से भी ज्यादा केस डायरी को अपने ऑफिस में लेकर बैठी रही..

CO श्वेता यादव की जांच

दरअसल न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश (त्वरित न्यायालय)-प्रथम बरेली रवि कुमार दिवाकर ने बरेली पुलिस की क्षेत्राधिकारी श्वेता यादव पर गैंगस्टर हिस्ट्रीशीटर की विवेचना में लापरवाही को लेकर तल्ख़ टिप्पणी की. गैंगस्टर हिस्ट्रीशीटर को सजा करते हुए बरेली की CO श्वेता यादव की जांच करने के लिए ADG, SSP व शासन को भी न्यायालय के आदेश की कॉपी भेजी हैं.

बड़े अधिकारियों पर नहीं होती करवाई

बता दें कि क्षेत्राधिकारी श्वेता यादव ने केस डायरी को अपने कार्यालय में 1 साल 3 महीने तक रोककर रखा था. न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा कि ज्यादातर करवाई इंस्पेक्टर या उसके नीचे के अधिकारियों पर की जाती है जबकि उत्तर प्रदेश में विवेचना के ज्यादातर मामलों में सीधा पर्यवेक्षण‌ क्षेत्राधिकारी करते हैं. न्यायालय ने यह भी कहा कि शायद ही उत्तर प्रदेश में क्षेत्राधिकारी को पर्यवेक्षण में लापरवाही बरतने पर दंडित किया जाता हो..

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