Badrinath Dham : पतित पावनी गंगा के अवतरण दिवस पर बदरीश पंडा पंचायत द्वारा गंगा दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर सैकड़ो श्रद्धालुओं ने अलकनंदा में डुबकी लगायी. आज गंगा दशहरा के पर्व पर तीर्थपुरोहितों ने तप्तकुंड के निकट स्थित गांधी घाट पर विष्णुपदी गंगा-अलकनंदा की विधिवत पूजा अर्चना की तथा पूजा के बाद मां गंगा को खीर का भोग चढाया फल- फूल, वस्त्र भेंट किये.

तत्पश्चात मां गंगा की आरती उतारी. इस अवसर पर जन कल्याण की कामना की गयी. इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि सभी का जीवन ग़गा की तरह निश्चल-निर्मल बना रहे तथा सभी लोग गंगा की तरह परोपकार के गुणों के परिपूर्ण हों.

आपको बता दें कि उल्लेखनीय है कि शास्त्र प्रमाण के अनुसार आज के दिन ही राजा भगीरथ की तपस्या से उनके पूर्वजों के उद्धार के लिए गंगा ब्रह्मा के कमंडल से भगवान शिव की जटाओं में आयी फिर भगवान शिव ने अपनी दो जटाये खोली जिनसे एक धारा के रूप में भगीरथी बनी तथा एक धारा विष्णुपदी गंगा अर्थात अलकनंदा धरती पर अवतरित हुई. इस अवसर केदारनाथ में 2013 में आयी आपदा के दिवंगतों को भी श्रद्धांजलि व्यक्त की गयी.

बदरीनाथ धाम में गंगा पूजन में हजारों देश- विदेश से आये तीर्थयात्री भी शामिल हुए पूजा अर्चना आरती के पश्चात प्रसाद वितरित किया गया. इस अवसर पर बदरीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने कहा कि सैकड़ो वर्षों पूर्व से बदरीनाथ धाम तपस्यारत ऋषि- मुनियों द्वारा गंगा का पूजन किया जाता रहा है. बदरीनाथ में भगवती माई, बाबा नीमकरोली महाराज, आदि भी बदरीनाथ धाम में रहे तथा गंगा आरती उनके सानिध्य में संपन्न होती रही.

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