उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम से एक बड़ी खबर सामने आई है। कंचन गंगा के पास एक ग्लेशियर टूटने का वीडियो सामने आया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि ग्लेशियर तेजी से नीचे की ओर फिसल रहा है। राहत की बात यह है कि इस घटना में किसी भी प्रकार का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है। चमोली पुलिस ने घटना की पुष्टि की है।
बताया जा रहा है कि बदरीनाथ धाम के ऊपरी क्षेत्रों में हाल ही में भारी बर्फबारी हुई थी, और अब तेज धूप निकलने के कारण ग्लेशियर टूटने की घटना घटी। विशेषज्ञों के अनुसार, पहाड़ी इलाकों में दिन में तेज धूप और रात में ठंडे तापमान के कारण ग्लेशियरों में दरारें पड़ती हैं, जिससे बर्फ के टुकड़े फिसल जाते हैं। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जो हिमालयी क्षेत्रों में अक्सर होती है।
चमोली के पुलिस अधीक्षक सर्वेश पवार ने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं मौसम के हिसाब से सामान्य होती हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस घटना से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, और स्थानीय प्रशासन ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया है। यह सिर्फ एक सामान्य हिमस्खलन था, जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ।
प्रसिद्ध भूवैज्ञानिक डॉ. डीपी डोभाल ने भी इस घटना को हिमालयी क्षेत्र की प्राकृतिक प्रक्रिया बताया। उन्होंने कहा कि बढ़ते तापमान के कारण ग्लेशियर की सतह पर बर्फ पिघलने लगती है और गुरुत्वाकर्षण के कारण नीचे खिसक जाती है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और मौसम विभाग या जिला प्रशासन की सूचनाओं पर ही भरोसा करें।
इस साल फरवरी में माणा में हुई एक बड़ी हिमस्खलन घटना की याद ताजा हो गई, जिसमें 8 मजदूरों की जान चली गई थी।