प्रसिद्ध यूट्यूबर और पूर्व नासा इंजीनियर मार्क रोबर अब भारत में अपनी इनोवेटिव साइंस और इंजीनियरिंग एजुकेशन पहल CrunchLabs की शुरुआत करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए सबसे उपयुक्त देश है और ‘Make in India’ ही इसका असली रास्ता है।

बातचीत में रोबर ने कहा,“हम भारत के लिए CrunchLabs को लाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसके लिए हमें प्रोडक्ट यहीं बनाना होगा, तभी यह फाइनेंशियली वायबल होगा। प्रधानमंत्री का ‘Make in India’ का विजन यही है और मुझे लगता है कि हम इसे यहां कर सकते हैं। भारत एक शानदार बाजार है और यहां आकर लोगों से मिलने के बाद मुझे महसूस हुआ कि शायद इससे बेहतर देश इसके लिए कोई नहीं है।”

CrunchLabs बच्चों के लिए विज्ञान को मजेदार और व्यावहारिक तरीके से सिखाने की कोशिश करता है। इसमें DIY (Do It Yourself) किट्स शामिल हैं, जो रोबर के यूट्यूब वीडियो के साथ मिलकर बच्चों को प्रॉब्लम-सॉल्विंग और क्रिएटिव थिंकिंग सिखाते हैं। “हम हर महीने एक वीडियो रिलीज करते हैं,” रोबर ने कहा। “हर प्रोजेक्ट को तैयार करने में लगभग एक साल लग जाता है।”

आइडिया कैसे आते हैं?
रोबर ने बताया कि उनके दिमाग में हमेशा कुछ नया चलता रहता है। “मैं कभी ब्रेनस्टॉर्मिंग सेशन नहीं करता। दिमाग हमेशा ऑन रहता है। कहीं कोई आर्टिकल पढ़ा, या किसी से बात की — तभी आइडिया आ जाता है कि ये अगला वीडियो हो सकता है।”

फेल होना भी जरूरी है:
मार्क रोबर की कहानी का एक अहम हिस्सा है “फेल्योर को अपनाना” “हमने एक बार अंतरिक्ष से एग ड्रॉप किया था — बहुत मुश्किल था। मैं चाहता हूं कि बच्चे यह समझें कि असफलता सीखने का हिस्सा है।”

उन्होंने इसे वीडियो गेम से तुलना करते हुए समझाया, “अगर आप कोई वीडियो गेम खेलते हैं और गड्ढे में गिर जाते हैं, तो आप निराश नहीं होते। आप दोबारा ट्राय करते हैं। जिंदगी की समस्याओं को भी ऐसे ही देखें — गेम की तरह।”

भारत: एक नई शुरुआत की ज़मीन
भारत में तेजी से बढ़ती मिडिल क्लास, STEM एजुकेशन के प्रति उत्साह और डिजिटल कनेक्टिविटी ने इसे एक मजबूत एजुकेशन हब बना दिया है। रोबर मानते हैं कि भारत उनके फिजिकल + डिजिटल एजुकेशन मॉडल के लिए एक आदर्श स्थान है। सीखना मजेदार बनाना, बच्चों को असफलता से डरने नहीं देना और विज्ञान को रोज़मर्रा की जिंदगी से जोड़ना।

'राफेल खिलौना नहीं...' Congress अध्यक्ष अजय राय के बयान पर सपा का पलटवार, जमकर सुनाया!

शेयर करना
Exit mobile version