समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रयागराज में महाकुंभ को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएं कम और प्रचार अधिक किया गया, और बीजेपी ने उनकी ओर से सोशल मीडिया पर दिए गए सुझावों को आलोचना समझ लिया।
अखिलेश यादव ने कहा, “मुझे पहले ही आप लोगों के बीच आना चाहिए था। 2013 के कुंभ के सफल आयोजन के बाद हमें अनुभव था, उसी अनुभव के आधार पर हमने लगातार सुझाव दिए।” उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने सुझावों को नकारात्मकता मानकर खारिज कर दिया, जबकि उनका उद्देश्य केवल महाकुंभ की बेहतरी था।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस बार का कुंभ आयोजन 2013 के मुकाबले कमजोर दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा, “2013 का कुंभ हमारी सरकार की पूर्व तैयारी का परिणाम था, लेकिन 2025 में ऐसी कोई तैयारी नहीं दिखी।”
डिजिटल कुंभ का दावा खोखला साबित हुआ
अखिलेश यादव ने सरकार द्वारा डिजिटल कुंभ के दावों को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “ड्रोन से निगरानी, सीसीटीवी कैमरे और तकनीक का उपयोग होना था, लेकिन समय पर सब कुछ बंद कर दिया गया। ड्रोन उड़ने की बातें हुईं, लेकिन असल में ऐसा कुछ नहीं हुआ।”
संगम नोज भगदड़ पर भी सवाल
उन्होंने संगम नोज पर भगदड़ में हुई मौतों को लेकर भी सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि सरकार ने मृतकों की संख्या नहीं बताई, और परिजनों पर दबाव बनाकर मौत के कारण बदलने की कोशिश की गई।
सरकार पर लगाए आंकड़े छुपाने के आरोप
अखिलेश यादव ने कहा, “बीजेपी सरकार झूठे आंकड़े फैलाने और सच्चे आंकड़े छुपाने में माहिर है। मुख्यमंत्री ने 100 करोड़ श्रद्धालुओं के इंतजाम का दावा किया, लेकिन हकीकत कुछ और है। महाकुंभ के पार्किंग, होल्डिंग एरिया, ट्रेन और बसों की संख्या पर स्टडी होनी चाहिए।”
महाकुंभ पर किताब का ऐलान
अखिलेश यादव ने घोषणा की कि वे महाकुंभ को लेकर दिए गए सुझावों को एक किताब के रूप में जारी करेंगे, ताकि जनता को सच पता चल सके। उन्होंने कहा, “2013 में हमारी सरकार द्वारा आयोजित कुंभ पर दुनिया की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटियों ने स्टडी की थी। हमने वो रिपोर्ट दिल्ली और लखनऊ में प्रेस के सामने रखी थी। लेकिन बीजेपी सरकार तो सुझावों को भी आलोचना समझ बैठती है।”
‘प्रोपेगेंडा सरकार’ का तंज
अखिलेश ने कहा कि बीजेपी में एक समय प्रोपेगेंडा मिनिस्टर हुआ करते थे, लेकिन अब पूरी सरकार ही प्रोपेगेंडा सरकार बन चुकी है। सरकार ने मोटरसाइकिल से श्रद्धालुओं को ढोने को भी रोजगार का नाम दे दिया, जो पूरी तरह से जनता को भ्रमित करने वाला कदम है। अखिलेश यादव ने आखिर में कहा कि वे अपने अनुभव और जनता की भलाई के लिए सरकार को चेतावनी और सुझाव देते रहेंगे, भले ही बीजेपी उसे आलोचना माने या बुराई।