प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हालिया मालदीव दौरा भारत की “पड़ोसी पहले” नीति को और भी सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हुआ है। इस दौरे के दौरान मोदी ने द्वीप देश के नेताओं के साथ महत्वपूर्ण चर्चा की और दोनों देशों के बीच रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

मोदी का यह दौरा दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है, क्योंकि भारत और मालदीव के बीच पहले से ही मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं। इस यात्रा के दौरान रक्षा, पर्यटन, और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहीम सोलीह के साथ की गई बातचीत से दोनों देशों के संबंधों में नयापन और मजबूती आएगी, जो क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास में सहायक होगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव के विकास में भारत के योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुए वहां की जनता के प्रति भारत की सद्भावना को भी व्यक्त किया। यह दौरा भारत के विदेश नीति के दृष्टिकोण को एक नई दिशा देने का संकेत है, जिसमें पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को प्रगाढ़ करना प्राथमिकता है।

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