Science Innovation: इंजीनियरिंग और विज्ञान की दुनिया में नए शोधों के जरिए लगातार नवाचार हो रहे हैं, लेकिन कभी-कभी एक व्यक्ति की मेहनत और जुनून पूरी इंडस्ट्री को बदल सकता है। प्रयागराज के साइंस ग्रेजुएट शैलेंद्र कुमार सिंह गौर ने ऐसा ही दावा किया है। उन्होंने इंटरनल कंबशन (IC) इंजन में एक मौलिक बदलाव किया है, जो सिर्फ माइलेज बढ़ाने में ही नहीं, बल्कि प्रदूषण को लगभग खत्म करने में भी सक्षम है।

पुराने इंजन और नए इंजन के बीच अंतर

शैलेंद्र ने बताया कि उनके प्रोटोटाइप ने 100cc बाइक पर 176 किमी/लीटर का माइलेज दिया है, और पर्याप्त फंड मिलने पर यह आंकड़ा 200 किमी/लीटर तक पहुँच सकता है। उन्होंने पुराने इंजन और अपने इंजन के बीच अंतर बताते हुए कहा कि पुराने इंजन सिर्फ 30% ऊर्जा का इस्तेमाल करते थे, जबकि उनका इंजन 70% ऊर्जा का उपयोग करता है।

फ्यूल पर चलता है और प्रदूषण भी नहीं करता!

इसके अलावा, उनका इंजन पेट्रोल, डीजल, CNG और एथनॉल सहित किसी भी ईंधन पर काम कर सकता है। प्रदूषण के मामले में भी यह इंजन क्रांतिकारी है। साइलेंसर का तापमान बहुत कम होता है और कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) उत्सर्जन लगभग शून्य है।

फंड की कमी के चलते अपनी प्रॉपर्टी बेच दी

शैलेंद्र गौर ने अपनी रिसर्च के लिए निजी त्याग भी किया। उन्होंने फंड की कमी के चलते अपनी प्रॉपर्टी बेच दी और अपने किराए के घर को वर्कशॉप में बदल दिया। उन्होंने MNNIT में प्रोफेसर अनुज जैन के मार्गदर्शन में छह महीने तक रोजाना 5-6 घंटे इंजनों की बारीकियां सीखीं।

इंजन आ गया है मार्केट में!

शैलेंद्र का कहना है कि उनकी तकनीक सिर्फ बाइक तक सीमित नहीं है; इसे बड़े इंजन, जैसे पानी के जहाज और छोटे मोटरसाइकिल इंजनों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। उनके नाम पर अब तक दो पेटेंट हैं और वे कुछ और पेटेंट दाखिल करने की तैयारी में हैं। शैलेंद्र ने अंत में कहा, “मैंने अपना काम कर दिया है। अब यह देश पर निर्भर करता है कि वह इसका उपयोग कैसे करता है।”

'सरकार को PDA से डर है...' 69000 शिक्षक भर्ती मामले में सपा सांसद के बयान से BJP में हडकंप!

शेयर करना
Exit mobile version