नई दिल्ली : भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की नई लग्जरी कार एक बार फिर उन्हें सुर्खियों में ले आई है। जानकारी के अनुसार, उन्होंने मर्सिडीज बेंज E-220 मॉडल खरीदी है, जिसकी ऑन-रोड कीमत दिल्ली में लगभग 90 से 95 लाख रुपये के बीच बताई जाती है। इस गाड़ी के लिए विशेष रजिस्ट्रेशन नंबर मांगे जाने को लेकर एक औपचारिक पत्र 28 जुलाई 2025 को दिल्ली परिवहन विभाग को भेजा गया।
सुप्रीम कोर्ट के डिप्टी रजिस्ट्रार (परिवहन) द्वारा लिखे गए इस पत्र में एक निश्चित नंबर को प्राथमिकता देते हुए जल्द से जल्द आवंटन की अपील की गई है। आमतौर पर वीआईपी श्रेणी के लोग विशेष नंबर लेने के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट प्रशासन की ओर से सीधा हस्तक्षेप देखने को मिला।
सरकारी आवास विवाद भी रहा चर्चा में
पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने अपने सेवानिवृत्ति के करीब नौ महीने बाद, 2 अगस्त 2025 को दिल्ली स्थित सरकारी आवास को खाली किया। इस देरी को लेकर कई सवाल उठे थे। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया था कि कुछ निजी कारणों के चलते उन्होंने यह कदम देर से उठाया, और इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट प्रशासन को पूर्व सूचना दे दी गई थी।
कई संवेदनशील फैसलों का हिस्सा रहे
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ को उनके न्यायिक कार्यकाल के लिए विशेष रूप से याद किया जाएगा। उन्होंने अनुच्छेद 370, चुनावी बॉन्ड की वैधता, जेलों में जाति आधारित भेदभाव, निजी संपत्ति संबंधी अधिकार और उत्तर प्रदेश के मदरसा अधिनियम जैसे कई जटिल मुद्दों पर ऐतिहासिक निर्णय दिए। वे अपने आठ वर्षीय न्यायिक कार्यकाल के दौरान 38 संविधान पीठों का हिस्सा रहे, जो उनकी विधिक गहराई और सक्रियता का प्रमाण है।
‘जजों को भगवान न समझा जाए’, दिया था चर्चित बयान
रिटायरमेंट से कुछ समय पहले उन्होंने न्यायपालिका की समाज में भूमिका पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि न्यायाधीशों को देवता की तरह देखे जाने की परंपरा न्याय के सिद्धांतों के लिए हानिकारक हो सकती है। उन्होंने कहा था, “अदालत को न्याय का मंदिर कहने से यह भ्रम फैल सकता है कि जज उस मंदिर में भगवान हैं। जबकि सच्चाई यह है कि उनका काम जनहित में निष्पक्ष और जवाबदेह रहना है।”