Lucknow Land Scam: अगर कोई लापता हो, और पुलिस उसे तलाश रही हो, तो आमतौर पर हम सोचते हैं कि शायद कोई अनहोनी हो गई होगी। लेकिन लखनऊ में एक जमीन घोटाले में कुछ अलग ही सामने आया। हजरतगंज कोतवाली में लापता दिखाया गया शख्स राकेश कुमार, असल में 23 किलोमीटर दूर रजिस्ट्री ऑफिस में ज़मीन के सौदे कर रहा था। उसकी पत्नी और पुलिस इधर-उधर उसे तलाशते रहे, और उधर वो रजिस्ट्री के नाम पर लाखों की जमीनें बेच रहा था।
कैसे खुला पूरा मामला?
शिकायत की शुरुआत हुई साहू हाउसिंग कंपनी के निदेशक द्वारा की गई एक रिपोर्ट से, जिसमें आरोप था कि उनकी कीमती जमीनें धोखाधड़ी से बेची जा रही हैं। जब जांच आगे बढ़ी, तो सामने आया कि ये काम एक संगठित गिरोह की तरह किया जा रहा था, जिसमें राकेश कुमार और उसकी पत्नी के साथ-साथ कंपनी के चार पूर्व कर्मचारी भी शामिल थे।
“लापता” की कहानी असल में थी एक साजिश
राकेश कुमार की पत्नी ने हजरतगंज थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस उसकी तलाश में जुट गई। उधर, राकेश लखनऊ से 23 किमी दूर रजिस्ट्री ऑफिस में उपस्थित होकर जमीनों की बिक्री कर रहा था। इस पूरे खेल का उद्देश्य था जांच से बचना और लोगों को भ्रमित करना।
धोखाधड़ी में कौन-कौन शामिल?
साहू हाउसिंग की रिपोर्ट के मुताबिक, राकेश कुमार और उसकी पत्नी, कंपनी के चार पूर्व कर्मचारी मिलकर बड़ी कीमत वाली जमीनों को गैरकानूनी तरीके से बेच रहे थे। इसके अलावा रजिस्ट्री ऑफिस का गलत इस्तेमाल किया गया और कई सौदे फर्जी कागज़ों के ज़रिए किए गए।
पुलिस कर रही है जांच?
वही शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की है। लापता दिखाए गए राकेश को अब जांच में मुख्य आरोपी माना जा रहा है। साथ ही शामिल सभी पूर्व कर्मचारियों की भूमिका की कड़ाई से जांच हो रही है। जमीनों की बिक्री से जुड़े सभी दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं।
लखनऊ का यह मामला केवल एक व्यक्ति की धोखाधड़ी नहीं, बल्कि सुनियोजित साजिश और सिस्टम के दुरुपयोग की मिसाल है। जहां एक ओर पुलिस गुमशुदा को तलाश रही थी, वहीं दूसरी ओर वो खुलेआम जमीन के सौदे कर रहा था।