पुलिस कस्टडी में बढ़ती मौतों के आकड़े एवं प्रताड़ना को लेकर यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने निर्देश जारी किया है। जारी निर्देश में उन्होंने कहा की पुलिस कस्टडी में मौत एवं उत्पीड़न पर प्रभावी से रोक लगायी जाए। गंभीर रोग से ग्रस्त व्यक्ति एवं आरोपी को कतई थाना एवं पुलिस चौकी न लाया जाए। थाना एवं पुलिस चौकी लाए गए व्यक्ति या आरोपी अचानक बीमार होता है तो उसका पास के अस्पताल में तत्काल इलाज कराया जाए।
लखनऊ
➡हापुड़ कांड के बाद डीजीपी प्रशांत कुमार का पुलिस को निर्देश
➡रामा हॉस्पिटल,पुलिसकर्मियों के बीच विवाद के बाद निर्देश
➡व्यापारिक, व्यावसायिक विवादों में FIR के पहले जांच हो- DGP
➡ऐसे प्रार्थना पत्रों की पहले जांच की जाए फिर FIR हो- DGP
➡उद्यमियों, बिल्डरों,… pic.twitter.com/4WhRqhzdys
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) July 19, 2024
डीजीपी प्रशांत कुमार ने जारी निर्देश में आगे कहा कि थाना एवं पुलिस चौकी प्रभारी की जानकारी के बिना किसी भी व्यक्ति या आरोपी को पुलिस चौकी एवं थाने न लाया जाए। अगर किसी व्यक्ति या आरोपी को थाने लाना है तो लिखापढ़ी के बाद लाया जाए।
जिम्मेदार अफसर की मौजूदगी में ही पूछताछ हो और पूछताछ में मनोवैज्ञानिक तरीकों का प्रयोग धैर्यपूर्वक किया जाए। थाना प्रभारी की ओर से नामित अफ़सर ही पूछताछ करें और पूछताछ करने वाले की पूरी जानकारी रजिस्टर में दर्ज की जाए।
पूछताछ के दौरान किसी की तबीयत खराब हो तो यथासंभव फोटोग्राफी,वीडियोग्राफी भी करा ली जाए और तबीयत बिगड़ने पर किसी भी तरह से इलाज मिलने में देरी न हो। पुलिस कस्टडी में हुई मृत्यु की जानकारी 24 घंटे के अंदर मानवाधिकार आयोग को देनी होगी। पुलिस कस्टडी में मौत के संबंध में दर्ज मुकदमे की विवेचना निष्पक्षता से की जाए।