PM मोदी रविवार, 17 अगस्त को अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (UER-2) और द्वारका एक्सप्रेसवे के दिल्ली हिस्से का उद्घाटन करेंगे। यह 4-6 लेन का 8,000 करोड़ रुपये का कॉरिडोर अलीपुर से महिपालपुर तक फैला है और मुंडका, बक्करवाला, नजफगढ़ और द्वारका से होकर गुजरेगा। उद्घाटन के बाद इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सोनीपत और नोएडा तक की यात्रा तेज और आसान हो जाएगी।
जाम और ईंधन की बचत
UER-2 दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-रोहतक और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से सीधे जुड़ा होगा। इससे ट्रैफिक दबाव कम होगा, यात्रा समय घटेगा और ईंधन की बचत होगी। सोनीपत, पानीपत, करनाल, अंबाला, रोहतक, जींद और बहादुरगढ़ के यात्रियों को इसका सबसे अधिक फायदा मिलेगा।
रियल एस्टेट और निवेश पर असर
UER-2 और द्वारका एक्सप्रेसवे की बेहतर कनेक्टिविटी से नोएडा, द्वारका, नजफगढ़ और बहादुरगढ़ में रियल एस्टेट की मांग बढ़ेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि नोएडा में अगले दो साल में आवासीय कीमतें 25-40% तक बढ़ सकती हैं। बहादुरगढ़ और रोहतक में लॉजिस्टिक हब, वेयरहाउस और रिटेल स्पेस की मांग से जमीन के दाम अगले 18 महीनों में 20-30% तक ऊपर जा सकते हैं।
विशेषज्ञों की राय
- अभय कुमार मिश्रा, जिंदल रियल्टी: “UER-2 के उद्घाटन के बाद सोनीपत का रियल एस्टेट तेजी से बढ़ेगा। IGI एयरपोर्ट तक आने-जाने का समय आधे से भी कम हो जाएगा। खरखौदा में मारुति सुजुकी प्लांट और नए उद्योग विकसित होंगे; 5-8 साल में 2-3 गुना रिटर्न की उम्मीद है।”
- रोहित किशोर, हीरो रियल्टी: “टियर-2 और टियर-3 शहर डेवलपर्स के लिए आकर्षक बन रहे हैं। बेहतर सड़कों और मेट्रो नेटवर्क से सोनीपत में प्लॉट-आधारित घरों की मांग तेज होगी।”
- राहुल सिंगला, मैप्सको ग्रुप: “UER-2 उद्घाटन सोनीपत को एनसीआर का मुख्य विकास केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। मिड-इनकम टाउनशिप, लग्ज़री विला और बिजनेस पार्क तेजी से विकसित होंगे।”
- यशांक वासन, रॉयल ग्रीन रियल्टी: “UER-2 के बाद दिल्ली-एनसीआर की कनेक्टिविटी नए सिरे से परिभाषित होगी। सोनीपत-IGI हवाई अड्डा के बीच यात्रा समय में बड़ी कमी आएगी।”
- हरिंदर ढिल्लोन, बीपीटीपी: “UER-2 उद्घाटन दिल्ली-एनसीआर के रियल एस्टेट परिदृश्य के लिए परिवर्तनकारी क्षण है। निवेशकों और खरीदारों के लिए अवसर बढ़ेंगे।”
तीसरी रिंग रोड मोमेंट
विशेषज्ञ इसे दिल्ली-एनसीआर का ‘तीसरी रिंग रोड’ मोमेंट मान रहे हैं। बेहतर और तेज कनेक्टिविटी से रियल एस्टेट गतिविधियां बढ़ेंगी, लेकिन डेवलपर्स को संतुलित और टिकाऊ सप्लाई पर ध्यान देना होगा ताकि ओवर-सप्लाई का जोखिम न बने