नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को आह्वान किया गया प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी का 2022 बैचसंलग्न सहायक सचिव विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों और विभागों में, उत्प्रेरक एजेंट बनने और सरकार की लाभार्थीपरक योजनाओं को लागू करते समय संतृप्ति दृष्टिकोण के साथ काम करने के लिए।
यहां सुषमा स्वराज भवन में सहायक सचिवों के साथ बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नवभारत अब उन्हें उदासीन दृष्टिकोण और सक्रियता की मांग से कोई दिक्कत नहीं है, बल्कि उन्हें सभी नागरिकों को सर्वोत्तम संभव शासन और जीवन की गुणवत्ता प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा, “यह आपकी पसंद है कि आप सेवा प्रदान करने में स्पीड-ब्रेकर बनना चाहते हैं या सुपरफास्ट हाईवे बनना चाहते हैं।” उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि वे ऐसे उत्प्रेरक एजेंट बनें जो अपनी आंखों के सामने बदलाव देखकर संतुष्टि महसूस करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘राष्ट्र प्रथम’ केवल एक नारा नहीं बल्कि उनके जीवन का उद्देश्य है। उन्होंने युवा प्रशिक्षुओं से इस यात्रा में उनके साथ चलने को कहा।
जब कुछ अधिकारियों ने सहायक सचिवों के रूप में प्राप्त प्रशिक्षण के अपने अनुभव साझा किए, तो मोदी ने 2022 में आरंभ कार्यक्रम के हिस्से के रूप में उनके साथ हुई पिछली बातचीत को याद किया। उन्होंने कहा कि सहायक सचिव कार्यक्रम के पीछे का उद्देश्य युवा प्रशिक्षु अधिकारियों को प्रशासनिक पिरामिड के ऊपर से नीचे तक अनुभवात्मक सीखने का अवसर प्रदान करना है।
लखपति दीदी, ड्रोन दीदी, पीएम आवास योजना आदि योजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने प्रशिक्षुओं से इन योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए संतृप्ति दृष्टिकोण के साथ काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि इससे सामाजिक न्याय सुनिश्चित होगा और भेदभाव को रोका जा सकेगा।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आईएएस के रूप में चयन के बाद उन्हें जो प्रशंसा मिली थी, वह अब अतीत की बात हो गई है और अब उन्हें भविष्य की ओर बढ़ने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
इस बातचीत के दौरान कार्मिक राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और गृह सचिव एके भल्ला तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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