हाल ही में बैंकॉक, थाईलैंड में हुए BIMSTEC शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत 21 बिंदु कार्ययोजना ने क्षेत्रीय सहयोग के लिए एक नई दिशा दिखाई है। BIMSTEC (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) एक क्षेत्रीय समूह है, जिसमें सात देशों का समावेश है, जो दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित हैं। यह कार्ययोजना BIMSTEC देशों के बीच रिश्तों को स्थिर और दीर्घकालिक बनाने के लिए एक व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान करती है।
प्रधानमंत्री मोदी का प्रस्ताव इस समय पर महत्वपूर्ण है, जब क्षेत्रीय समृद्धि, जलवायु परिवर्तन और डिजिटल संक्रमण जैसे मुद्दों से जूझने के लिए ठोस कार्यवाही की आवश्यकता है। यह योजना उन देशों के लिए एक अवसर प्रदान कर सकती है जो आपसी निर्भरता और जलवायु जोखिमों का सामना कर रहे हैं।
मुख्य बिंदु:
- व्यापार और अर्थव्यवस्था में सहयोग: रेखांकित किया गया है कि बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, नेपाल, भारत और भूटान के बीच आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देना जरूरी है। इसके तहत, व्यापार और निवेश के लिए Bay of Bengal Chamber of Commerce की स्थापना और वार्षिक व्यापार सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
- डिजिटल अवसंरचना और भुगतान प्रणालियाँ: भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को क्षेत्रीय भुगतान प्रणालियों से जोड़ने की संभावना पर विचार किया गया है। इससे छोटे व्यवसायों और प्रवासी श्रमिकों के लिए वित्तीय लेन-देन को आसान बनाने में मदद मिल सकती है।
- जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन: BIMSTEC देशों में लगातार भूकंप, बाढ़ और चक्रवात जैसी आपदाएं होती हैं। इस संदर्भ में, आपदा प्रबंधन के लिए BIMSTEC सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने की सिफारिश की गई है, जिससे प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमता बढ़ेगी।
- स्पेस टेक्नोलॉजी सहयोग: उपग्रह डेटा और रिमोट सेंसिंग के माध्यम से कृषि योजनाओं, मौसम पूर्वानुमान और तटीय निगरानी के लिए सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। यह छोटे देशों के लिए सूचना आधारित शासन और जोखिम से निपटने में सहायक होगा।
- स्वास्थ्य और शिक्षा में सहयोग: पारंपरिक चिकित्सा शोध और कैंसर देखभाल कार्यक्रम जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा दिया गया है। इसके अलावा, युवाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और क्षेत्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है, जो समग्र क्षेत्रीय पहचान और सहयोग को मजबूत करेंगे।
- ऊर्जा एकीकरण: क्षेत्रीय विद्युत ग्रिड कनेक्शन को बढ़ावा दिया जाएगा, जो जलवायु लक्ष्यों के अनुरूप ऊर्जा आपूर्ति और स्टोरेज की जरूरतों को संतुलित करेगा।
- समुद्री परिवहन और पर्यावरणीय संतुलन: BIMSTEC देशों के लिए समुद्री परिवहन में निरंतरता और क्षमता निर्माण के लिए ‘Sustainable Maritime Transport Centre’ की स्थापना की जाएगी। यह क्षेत्रीय आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए महत्वपूर्ण है और पर्यावरणीय संवेदनशीलता को भी ध्यान में रखता है।
प्रधानमंत्री मोदी की प्रस्तावित 21 बिंदु कार्ययोजना का उद्देश्य BIMSTEC देशों के बीच आपसी सहयोग को प्रगति की दिशा में अग्रसर करना है, बिना किसी देश पर हावी हुए। यह योजना व्यावहारिक क्षेत्रीय सहयोग के लिए एक ठोस कदम है, जो न केवल आर्थिक, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय पहलुओं पर भी ध्यान केंद्रित करती है।