नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर लोकसभा में खुली चर्चा पर अपनी बात रखी है. उन्होंने केंद्र सरकार से संसद में खुली बहस की मांग करते हुए कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर कुछ भी छिपाना नहीं चाहिए और सभी सांसदों को अपनी राय रखने का मौका मिलना चाहिए. अखिलेश यादव की यह मांग राष्ट्रीय सुरक्षा और संसदीय जवाबदेही पर एक गंभीर बहस को जन्म दे सकती है.
इस मुद्दे पर अखिलेश यादव ने सोमवार को दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि पहलगाम का मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है. सरकार को इसके बारे में कुछ भी छिपाना नहीं चाहिए. अखिलेश यादव ने कहा कि सभी विपक्षी दल चाहते हैं कि इस मुद्दे पर संसद में खुली बहस हो. अखिलेश यादव ने कहा, ‘सभी सांसद विदेश नीति, पहलगाम और इससे जुड़े सभी घटनाक्रमों पर अपनी राय रखना चाहते हैं. सरकार को इसे सुनना चाहिए और जवाब देना चाहिए.”
पहलगाम में क्या हुआ था?
बता दें कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिसके जवाब में भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में आतंकियों के 9 ठिकानों को नष्ट कर दिया था. ऑपरेशन को लेकर केंद्र सरकार ने इसे अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन बताया है, लेकिन विपक्षी दल इस मामले पर विस्तृत चर्चा और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं.
क्या चाहता है विपक्ष?
अखिलेश यादव ने विपक्षी दलों की एकजुटता पर जोर देते हुए कहा कि पहलगाम हमला राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़ा अहम मुद्दा है. उन्होंने सरकार से इस मामले में पारदर्शिता बरतने की अपील की. सपा प्रमुख ने यह भी कहा कि संसद का मानसून सत्र इस तरह के गंभीर मुद्दों पर चर्चा का सही मंच है, और सरकार को इस अवसर का उपयोग करना चाहिए.
कितना महत्वपूर्ण है विपक्ष का मुद्दा?
बता दें कि पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर संसद के मानसून सत्र में चर्चा का एक प्रमुख मुद्दा बनता जा रहा है, जिस पर केंद्र सरकार के लोगों ने भी कहा कि हम इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं. वहीं विपक्षी दल इस मामले को जोर-शोर से उठाने की कोशिश में लगा है. जबकि सरकार ने इसे अपनी सैन्य और कूटनीतिक सफलता के रूप में पेश किया है.