Meerut: क्या आज भी एक महिला को अकेले निकलना सबसे बड़ा खतरा है? हर दिन की यही कहानी बन चुकी है… भरोसा देने के बहाने, मदद के नाम पर महिलाओं को शिकार बनाया जा रहा है। अब सवाल यह नहीं कि “क्यों हुआ?”, बल्कि यह है कि “कब रुकेगा?” मेरठ से आई ये घटना फिर से उसी जख्म को कुरेद देती है, जो हर मां, बहन और बेटी के मन में बैठा है…. क्या कोई महिला सुरक्षित है?
क्या हैं पूरा मामला?
मेरठ के लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र की एक कॉलोनी में भाजपा नेता के ड्राइवर की पत्नी के साथ दुष्कर्म की वारदात सामने आई है। महिला का अपने पति से विवाद हो गया था, जिसके बाद वह घर से बाहर निकल गई। तभी एक युवक शहजाद ने रास्ते में उसे लिफ्ट देने की पेशकश की। पर ये मदद नहीं, एक जाल था। लिफ्ट देने के बहाने वह युवक महिला को एक कमरे में ले गया और जबरन उसके साथ दुष्कर्म किया।
घटना के बाद जब महिला ने हिम्मत जुटाकर पुलिस में शिकायत की, तो पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को पकड़ लिया। लेकिन यहीं एक नया मोड़ आया… चौकी इंचार्ज पर भाजपा नेता के साथ अभद्रता करने का आरोप लगा। इसको लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने थाने का घेराव किया और इंचार्ज से माफी मंगवाने की मांग पर अड़ गए।
सोचने पर मजबूर करता सवाल
एक तरफ महिला अपने इंसाफ के लिए लड़ रही है, दूसरी ओर सियासत और सिस्टम आपस में उलझा पड़ा है। आज सवाल सिर्फ दुष्कर्म का नहीं है…. सवाल ये है कि क्यों एक महिला की पीड़ा के साथ भी सियासी ताकतें जोड़-तोड़ करती हैं? कब तक बेटियों को ‘मदद’ के नाम पर धोखा मिलेगा? कब तक भरोसे को दरिंदगी में बदला जाएगा?